देश की राजधानी दिल्ली सदियों से हिंदुस्तान की राजधानी रही है. मुग़लकाल से लेकर ब्रिटिश काल में भी दिल्ली को अविभाजित भारत की राजधानी होने का गौरव हासिल था. इसलिए ये ऐतिहासिक शहर है और इसके अंदर कई रहस्य अभी भी दफ़न हैं. 

Legal

ऐसी ही एक रहस्यमयी सुरंग दिल्ली की विधानसभा(Delhi Legislative Assembly) में मिली है. ये गुप्त सुरंग विधानसभा से लाल क़िले तक जाती है. 

ये भी पढ़ें: दिल्ली की बहुत जगहें देखी होंगी पर पुरानी दिल्ली का ये विष्णु जी का ख़ूबसूरत मंदिर नहीं देखा होगा

सुरंग से लाए जाते थे कैदी

indiatoday

हाल ही में इस रहस्यमयी सुरंग की खोज की गई है. बताया जा रहा है कि 1912 में जब अंग्रेज़ों ने देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया था तब इस बिल्डिंग का इस्तेमाल केंद्रीय विधान सभा के रूप में किया जाता था. 1926 में इसे एक अदालत में तब्दील कर दिया गया था और अंग्रेज़ लाल क़िले में कैद स्वतंत्रता सेनानियों को इस अदालत में लाने के लिए इस सुरंग का प्रयोग करते थे.

ये भी पढ़ें:  ‘दिल्ली से हूं’ बोलने वालों इन सवालों के सही जवाब दो तो मानें असली दिल्ली वाले हो तुम

 सुरंग का बहुत सा हिस्सा ध्वस्त हो चुका है 

indiatoday

ऐसा इसलिए ताकि उन्हें जन आक्रोश के चलते किसी हमले का सामना न करना पड़े. बहरहाल ये सुरंग अभी पूरी तरह ठीक नहीं है. इसका बहुत सा हिस्सा ध्वस्त हो चुका है, मेट्रो और सीवर लाइन्स के चलते. दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने इस बारे में बात करते हुए कहा-‘जब मैं 1993 में विधायक बना था तो यहां एक सुरंग के मौजूद होने की अफ़वाह थी जो लाल क़िला तक जाती है. मैंने इसके बारे में जानने की कोशिश की थी लेकिन मुझे कुछ पता नहीं चला था.’ 

कुछ लोगों का कहना है कि ये एक तहखाना है

bbc

उन्होंने कहा है कि इसकी मरम्मत की जाएगी जिसका काम 76वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा हो सकता है. इसके बाद इसे लोगों के लिए खोला जाएगा. दिल्ली सरकार का प्लान यहां पर एक शहीद स्मारक बनाने का है. इसके दर्शन कर जनता भारत के इतिहास से रूबरू होगी. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि ये सुरंग 1857 की क्रांति के दौरान बनाई गई थी तो कुछ का कहना है कि ये सुरंग नहीं कोई गुप्त तहखाना हो सकता है. 

अब इस सुरंग का रहस्य क्या है ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.