कोरोना वायरस भारत में नहीं, बल्कि अन्य देशों में तेज़ी से पैर पसार रहा है, जिसके चलते रोज़ मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है. भारत में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 2,67,249 तक पहुंच चुका है. देश के हर राज्य की सरकार इस बीमारी से अपने राज्य के लोगों को बचाने के लिए व्यवस्थाएं कर रही है. हर राज्यों में मरीज़ों के लिए क्वारंटीन सेंटर्स भी बनाए गए हैं.
Arunachal Pradesh:Mirem village in East Siang District makes community managed Quarantine huts with separate toilets.
— All India Radio News (@airnewsalerts) June 8, 2020
Source:- @east_siang pic.twitter.com/HkGFfiXNhI
अरुणाचल प्रदेश के मिरेम गांव में भी सरकार ही नहीं, बल्कि यहां के ग्रामीणों ने भी एक अनोखी पहल की है. ये लोग COVID-19 संक्रमित मरीज़ों और अन्य राज्यों से आए अपने लोगों के लिए क्वारंटीन झोपड़ियां बना रहे हैं. ग्रामीण अपनी तरफ़ से उठाए इस क़दम के ज़रिए राज्य सरकार की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं.

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग ज़िले में बिलाट सर्कल के मिरेम गांव के लगभग 100 व्यक्तियों ने मिलकर एक दिन में इन झोपड़ियों को बनाया है. 10 अलग-अलग शौचालयों के साथ 10 झोपड़ी नुमा कमरे हैं. ये इको-फ़्रेंडली झोपड़ियां अरुणाचल प्रदेश में पाए जाने वाले पेड़ टोको पट्टा (Levistona Jenkinsiana Griff) और बांस से बनाई गई हैं.

ये झोपड़ियां गांव के उन लोगों के लिए हैं, जो देश के अलग-अलग राज्यों से यहां वापस आ रहे हैं, ताकि वो अपने परिवारवालों के पास पहुंचने से पहले यहां क्वारंटीन रहें.

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