अगर पिछले तीन सप्ताह से ख़बरों पर आपकी नज़र है, तो आपने देखा होगा कि सेना के जवानों द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गये कई वीडियो वायरल हुए. शुरुआत बीएसएफ के जवान तेज बहादुर यादव ने की, जिन्होंने सेना में घटिया भोजन दिये जाने का आरोप लगाया था. तेज़ बहादुर के उस वीडियो ने सेना के सीनियर अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी. हालांकि, ये हक़ीक़त है कि हमारे देश के जवानों को अधिकारियों और हाई कमान की उदासीनता से हर दिन दो-चार होना पड़ता है.

इस वीडियो के वायरल होने के बाद शुरू में बीएसएफ की प्रतिक्रिया आलोचनात्मक थी. बीएसएफ ने प्रारंभ में तेज बहादुर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. मगर अब बीएसएफ हरक़त में आ गई है. बीएसएफ ने सैनिकों और उनके हालात के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश देने के लिए ट्विटर का सहारा लिया है. ट्विटर पर बीएसएफ ने गाइडलाइन की एक लंबी फेहरिस्त जारी की है.

आइये, संक्षेप में समझें ये गाइडलाइन्स-

  • सेना में कमांड की एक श्रृंखला बनी हुई है, जिसकी शुरुआत लोएस्ट फील्ड यूनिट से होती है.
  • शिकायत अथवा मांग रखने के लिए एक चैनल बनाया गया, सभी को उसी चैनल का पालन करना चाहिए.
  • अगर कोई अज्ञात रूप से शिकायत या मांग करना चाहता है, तो उसके लिए भी सिस्टम में सुझाव पेटिका की व्यवस्था है.
  • अगर कहीं किसी के साथ अनुशासनहीनता का मामला सामने आता है या फिर जवानों के मनोबल को तोड़ने जैसी घटना सामने आती है, तो खुफ़िया नेटवर्क के प्रतिनिधियों को त्वरित कार्यवाई करने का दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है.
  • अगर किसी पर दोष सिद्ध हो जाता है, तो सभी रैंक के अधिकारियों के खिलाफ़ अनुशासनात्मक कार्यवाई की जाएगी.
  • सोशल मीडिया पर की गई शिकायतों का सख़्ती से निपटारा किया जायेगा.
  • सोशल मीडिया पर की गई शिकायतों का तुरंत संज्ञान लिया गया है और उन घटनाओं की जांच के लिए सिस्टमेटिक ढंग से आदेश दे दिया गया है.
  • सीनियर कमांडिंग ऑफ़िसर को यूनिट्स भ्रमण का आदेश दे दिया गया है. अगर उन्हें कुछ गड़बड़ी दिखती है, तो वो इसकी रिपोर्ट करेंगे.
  • जवानों के साथ औपचारिक और अनौपचारिक बातचीत के स्तर को और बढ़ाया जा रहा है.
  • बीएसएफ के प्रयासों को सोशल मीडिया के सभी मंचों द्वारा गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है.

बीएसएफ की इस बार की प्रतिक्रिया काफ़ी विस्तारपूर्वक और प्रशंसनीय है. यह सच में काबिले-तारीफ है कि बीएसएफ ने जवान के वीडियो को गंभीरता से लिया और आरोप के खिलाफ़ तुरंत जांच शुरू कर दी. बीएसएफ ने अपने इन प्रयासों से साफ़ तौर पर ये संकेत दे दिया है कि उनके अंदर परिवर्तन और विकास का साहस है और वो बेहतरी के लिए हमेशा तैयार है.

गौरतलब है कि इस समय सोशल मीडिया पर जवानों की चिंता अपने चरम पर है. हर दिन सेना की गड़बड़ियों को सोशल मीडिया पर जवान उजागर कर रहे हैं. इससे अच्छा होगा कि सरकार और सेना इन गड़बड़ियों को जड़ से मिटा दे, ताकि किसी को भी सोशल मीडिया पर गड़बड़ियों को शेयर करने का मौका ही ना मिले.

News source: thelogicalindian