कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था. इसकी वजह से कई भारतीय अलग-अलग राज्यों और देशों में फंस गए हैं. उन्हें वापस अपने घर लाने के लिए कई लोग हैं, जो जद्दोजहद कर रहे हैं. उन्हीं में से एक हैं एयर इंडिया की पायलट कैप्टन स्वाती रावल. Humans Of Bombay से स्वाती रावल ने अपनी कहानी को साझा किया, कैसे वो दो बच्चों को छोड़कर रोम में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए गईं?
स्वाती को जब रोम में फंसे 263 भारतीयों को एयरलिफ़्ट करने के लिए कहा गया तो उन्हें ये निर्णय 5 सेकेंड में लेने के लिए कहा गया. हालांकि, इस निर्णय को लेने से पहले स्वाती अपने 5 साल के बेटे और 18 महीने की बेटी के लिए थोड़ी परेशान थीं, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी को पहले चुना. स्वाती ने बताया,
मैंने उन 263 भारतीयों के बारे में सोचा, जो अपने परिवार के पास वापस आने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे. इसलिए मैंने हिम्मत जुटाई और इस फ़्लाइट को उड़ाने के लिए ‘हां’ कर दी. फिर मैं अगले दिन अपने बच्चों को गले लगाकर अपने मिशन पर चली गई.
स्वाती ने एयर इंडिया बोइंग 777 विमान को उड़ाया, इसी के ज़रिए वो विदेश में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वेदश वापस लाईं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य मंत्रियों ने स्वाती की तारीफ़ की है. स्वाती इस विमान को उड़ाकर बचाव उड़ान (Rescue Flight) संचालित करने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं.
Extremely proud of this team of @airindiain, which has shown utmost courage and risen to the call of humanity. Their outstanding efforts are admired by several people across India. #IndiaFightsCoronahttps://t.co/I7Czxep7bj