संसद से लेकर सड़क तक हो रहे विरोध के बीच आज राज्‍यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास कर दिया गया. बीते सोमवार बिल को लोकसभा में पास कर दिया गया था, जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने इसे बुधवार, यानि आज राज्यसभा में पेश किया. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में करीब दोपहर 12 बजे विवादित नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा शुरू हुई थी. काफ़ी बहस के बाद बिल को 125 सांसदों का सर्मथन मिला. वहीं करीब 109 सांसदों ने इस पर विरोध दर्ज किया. 

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ताज़ा ख़बर के अनुसार, बिल के समर्थन में बीजेपी के 83 सांसद, शिरोमणी अकाली दल के 3, टीडीपी के 2, बीजेडी के 7, लोक जनशक्ति पार्टी के 1, बीपीएफ़ के 1, आरपीआई के 1, एजीपी के 1, एनपीएफ़ के 1, एसडीएफ़ के 1, जदूय के 6, एआईएडीएमके के 11 और वाईएसआरसीपी के 2 सांसदों ने वोट किया.   

क्या है इस बिल में? 

नागरिकता संशोधन बिल पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में धर्म की वजह से ज़ुल्म झेल रहे ग़ैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने की पेशकश करता है. 

1955 के नागरिकता कानून में संशोधन के लिए ये बिल लाया गया है. इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफ़्गानिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई ग़ैरकानूनी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने की पेशकश की गयी है. 

इससे ये साफ़ हो जाता है कि इन धर्मों के अलावा कोई समुदाय, कोई ग्रुप नागरिकता के लिए आवदेन नहीं दे सकता. 

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