कोरोना भले ही अपने पैर तेज़ी से पसार रहा है, लेकिन इसे मात देने के लिए योद्धाओं की कमी नहीं है. सभी इसका डटकर सामना कर रहे हैं. इसे हराने के लिए अपनी क्षमतानुसार योगदान दे रहे हैं. इसके लिए जगह-जगह पर लोग ग़रीबों को खाना खिला रहे हैं, उन्हें ज़रूरत की चीज़ें मुहैय्या करा रहे हैं. ऐसी ही एक हैं असम की नर्स ओली बर्मन. इन्होंने अपनी ड्यूटी के लिए अपनी शादी की ख़ुशियों को नज़रअंदाज़ कर दिया.

ओली, असम के नलबाड़ी ज़िले की रहने वाली हैं. ओली ने अपनी ड्यूटी को आगे रखते हुए अपनी शादी के दिन तक काम किया और शादी के रीति-रिवाज़ पूरे होते ही वापस काम पर लौट आईं. ओली नलबाड़ी के शहीद मुकंद काकोती सिविल अस्पताल में नर्स हैं.

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ओली की कर्तव्य निष्ठा की तारीफ़ उपायुक्त भारत भूषण ने एक समारोह के दौरान क. उन्होंने कहा,

मैं इस लड़की के सेवा भाव को देखकर बहुत प्रोत्साहित हुआ हूं. वो वास्तव में एक योद्धा है और इस संकट की घड़ी में हम सबके लिए आशा की किरण है. 
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ओली का शादी की तैयारियां कई महीनों से चल रही थीं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते सब धरी की धरी रह गईं. अपनी शादी के बारे मेें उन्होंने बताया,

हम सभी असमंजस में थे कि शादी करें या नहीं. रिश्तेदारों ने सुझाव दिया कि शादी को टाल देना चाहिए. मगर जब लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिली तो हमने शादी करने का फ़ैसला किया.  
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2018 से नर्स का काम कर रही ओली की शादी सिंगमारी गांव के कंदर्प में तय हुई थी. कोरोना वायरस के चलते ओली की छुट्टियां कर दी गई थीं. इसलिए उन्होंने शनिवार को डूयटी के बाद मेंहदी की रस्म की. इसके बाद शादी के दिन यानि रविवार की सुबह फिर ड्यूटी जॉइन की और शाम को ड्यूटी पूरी कर जोरन की रस्म में पहुंची. इस रस्म में दुल्हे के घर की महिलाएं उन्हें शादी के दौरान पहने जाने वाले गिफ़्ट देती हैं. ओली के शादी में दोस्त और परिवार के लोग ही शामिल हुए थे.

ओली ने कहा,

अगर मेरे अधिकारी मुझे सोमवार को ड्यूटी जॉइन करने को कहते तो मैं करती. ऐसे वक़्त में लोगों की सेवा ज़्यादा ज़रूरी है.   

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