मुज़फ़्फ़रपुर के एसकेएमसीएच में कई पत्रकार ‘चमकी’ बुखार पर रिपोर्टिंग करने गए थे. कुछ ने सरकार को बदहाली के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए जायज़ सवाल किए, तो कुछ वहां की बदहाली का ज़िम्मा डॉक्टरों पर मढ़ कर चलते बने.
न्यूज़ चैनल आज तक की अंजना ओम कश्यप भी ICU में घुसकर रिपोर्टिंग कर रही थी. उन्होंने वहां काम कर रहे इकलौते डॉक्टर के काम में न सिर्फ़ बाधा डाली पर सारे हालातों का ज़िम्मेदार उन्हें ही ठहरा दिया.
इसके बाद ट्विटर पर कई लोगों ने उन्हें उनकी भावशून्य पत्रकारिता के लिए झाड़ लगाई. ट्विटर पर #ShameOnYouAnjana ट्रेंड भी करने लगा.
The great indian TRP hungry paid media reporter who can strip themselves on TV for their TRPs. These reporter alone is enough to backstab our Doctors. Devastating feelings right now.#shameonyouanjana#mujaffarpurchildrendeath
— RANENDRA PRATAP TRIPATHY (@RANENDRA_86) June 19, 2019
प्रोपोगेंडा आपके जैसे दलाल फैलाते हैं। इतने दिनों के बाद गयी और बेहुदा वाली हरकत करके आ गयी। शुक्र है @ajitanjum जी का जिन्होंने जी-जान लगाकर मुजफ्फरपुर में डटे रहे और लगातार सरकार को कटघड़े में खड़ा करते रहे। शायद आप भी उन्हीं का रिपोर्ट देखके वहाँ गये होंगे #ShameOnYouAnjana
— Sumit Kumar (@sumityd99) June 19, 2019
लूट गई इस दौर में अहले कलम की
— Md tabish (@realtabish123) June 19, 2019
आबरू
बिक रहे हैं पत्रकार समानो की तरह ।#AnjanaOmKashyap #shameonyouanjana
During the time @anjanaomkashyap spent heckling that doctor, three kids on a stretcher arrived there. She’s like, “Where are you going doctor? Won’t even answer?”
— meghnad (@Memeghnad) June 19, 2019
Wtf he was running around and trying to do his job!
So I saw the news now. My heart cried watching what she was doing to my fellow colleague. I would have slapped her there n then. We r not ur gov puppets jispe tum news banake aagey badhogi. #shameonyouAnjana #AnjanaOmKashyap don’t u dare visit a doctor ever.
— Dr. Surekha Saboo (@SabooSurekha) June 20, 2019
जिस डॉक्टर के साथ अंजना ओम कश्यप ने ‘बद्तमीज़ी’ की थी, उन्होंने अब इस पूरे वाकये पर अपना मत रखा है.
‘जब डॉक्टर ट्रीटमेंट कर रहे होते हैं, बच्चे देख रहे होते हैं, जब मीडिया यहां पर एकाएक बिना बताए घुस जाती है, तो यूं समझिए कि जो ट्रीटमेंट है, मीडिया उसमें Interfere कर रही है. उसी दिन आपने देखा होगा कि वो ICU में अचानक घुसती हैं और 10 मिनट तक मेरे साथ बहस कर रही हैं. वो 10 मिनट में Patient के Treatment में Delay हो गया. वो कह रही हैं Patient को कहां रखेंगे, कहां Shift करेंगे, Already जो हम करने जा रहे थे. हमारी Sister आती है, उस बच्चे को Attend करना चाहती है लेकिन वो करने नहीं देती है. रिज़ल्ट ये होता है कि डॉक्टर Pressurize होते हैं. हम जो कर रहे हैं, वो सही कर रहे हैं या ग़लत कर रहे हैं. हम अगर सही भी कर रहे होते हैं, तो हम सोचने लगते हैं कि ऐसा तो नहीं है कि हम जो कर रहे हैं वो मीडिया में दिख रहा है कि हम ग़लत कर रहे हैं. परिणाम ये होता है कि हम डरे-डरे ट्रीटमेंट करते हैं. उसने इस चीज़ को ऐसे दिखाया कि Patient के Treatment के लिए वो डॉक्टर से झगड़ ली.’
डॉ. दास ने आगे कहा,
डॉ. दास ने मीडिया से भी एक बहुत ही अहम बात कही,
डॉ. दास ने एसकेएमसीएच की व्यवस्था पर भी अपनी बात रखी,
पूरे वीडियो में डॉ. दास ने जिस शालीनता और सौम्यता से सारी बातें रखी, वो एक उदाहरण है हर उस पत्रकार के लिए, जिसे लगता है कि ‘चीखना’ ही पत्रकारिता है.