पिछले दिनों नोएडा सेक्टर 62 स्थित फोर्टिस अस्पताल एक अजीबोगरीब घटना का गवाह बना. हुआ यूं कि फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराई गई एक महिला को लेकर बीते बुधवार को हंगामें की स्थिति पैदा हो गई, जहां अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए गये. मेरठ निवासी अनिल ने अस्पताल पर आरोप लगाया कि उसकी पत्नी की चार दिन पहले ही मौत हो जाने के बाद भी अस्पताल उसकी लाश का इलाज करता रहा और बिल बनाता रहा.
अनिल ने कहा कि उसकी पत्नी मर चुकी है, इस बात का पता उसे तब चला, जब वह दूसरे अस्पताल की एंबुलेंस व डॉक्टर लेकर फोर्टिस पहुंचे थे.
गौरतलब है कि अनिल की पत्नी गर्भाशय में ट्यूमर से पीड़ित थी. करीब महीना भर पहले मेरठ के एक अस्पताल में पीड़िता का ऑपरेशन कराया गया था, जिसके बाद संक्रमण हो गया था. उसके बाद उसे नोएडा स्थित फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया.
मृतक के पति का आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के नाम पर प्रतिदिन उनसे डेढ़ लाख रुपये लिए.
जब भी अनिल अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर्स से पूछताछ करते थे, उन्हें अकसर यही जवाब मिलता कि वो जल्द ही ठीक हो जाएंगी.
बार-बार इसी जवाब से परेशान अनिल ने अपनी पत्नी को वेंटिलेटर के साथ दूसरे अस्पताल ले जाना ही मुनासिब समझा. मगर वहां पता चला कि उनकी पत्नी मर चुकी है.
परिजनों का कहना था कि दूसरे अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि उसकी पत्नी चार दिन पहले ही मर चुकी है. इस बात को लेकर हंगामा हो गया. पुलिस ने वहां पहुंचकर मामला शांत कराया.
फोर्टिस प्रबंधन ने मीडिया स्टेटमेंट जारी कर बताया कि मरीज को मल्टी ऑर्गन फेल्योर की स्थिति में लाया गया था. उसे लाइफ़ सपोर्ट पर रखा गया. मरीज की लगातार डायलिसिस की जा रही थी. मगर मरीज के परिजन उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की बात करने लगे. अस्पताल ने परिजन को लीव अंगेस्ट मेडिकल एडवाइज़ प्रक्रिया पूरी करते हुए मरीज को ले जाने की इजाज़त दे दी.
आपको बता दें कि अभी इस आरोप की जांच चल रही है.