शिमला में स्ट्रे डॉग को उनका घर मिल जाए इसके लिए वहां के नगर निगम ने एक बेहतरीन योजना निकाली है. इस योजना का शुभारंभ साल 2019, नवंबर में हुआ था. इसमें स्ट्रे डॉग को गोद लेने वालों को निशुल्क पार्किंग स्लॉट, वार्षिक कचरा शुल्क में छूट, निशुल्क टीकाकरण आदि सुविधाओं का प्रावधान है. इस साल उनकी ये मुहीम रंग लाई है. 

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Veterinary Public Health Officer, डॉ. नीरज मोहन ने बताया,

शिमला में 155 कुत्तों को अबतक गोद लिया जा चुका है. 83 डॉग्स को स्थानीय लोगों द्वारा और 72 को समुदायों, बीओपीआर मंडल, एनजीओ, रेजिडेंट वेलफ़ेयर एसोसिएशन द्वारा गोद लिया गया है. 
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स्थानीय निवासी गीता सूद ने बताया,

मेरा 15 साल का बेटा ओमुन सूद दिसंबर में ओकोवर के पास साइकिल चला रहा था, जब एक महीने के स्ट्रे डॉग ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया. वो उसे घर ले आया और हमने उसे गोद लेने का फ़ैसला किया. तभी, हमें पता चला कि नगर निगम गोद लिए स्ट्रे डॉग के लिए निशुल्क टीकाकरण की सुविधा दे रहा है. इसलिए हमने इसे पंजीकृत करवाया.

ये योजना नवंबर में, शिमला MC पंकज राय ने शहर में स्ट्रे डॉग्स की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए लागू की थी. इसके तहत एक इसने एक ‘Street Dog Adoption and Management Programme’ लॉन्च किया. इसमें उन लोगों को दंडित करने का प्रावधान भी है, जो डॉग्स को गोद तो ले लेते हैं, लेकिन उन्हें खिलाने और उनकी देखभाल करने में लापरवाही दिखाते हैं.

MC राय के अनुमान के मुताबिक,

शिमला के नगरपालिका के अंदर लगभग 2,000-2,500 स्ट्रे डॉग्स हैं, और हर महीने कुत्ते के काटने के लगभग 60 मामले सामने आते हैं. हर साल क़रीब एक स्ट्रे डॉग के 5 से 8 बच्चे जन्म लेते हैं. 
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पिछले साल संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के दौरान, एमसी कमिश्नर पंकज राय मिशिगन ह्यूमन सोसाइटी की गतिविधियों में शामिल थे. इसी दौरान उन्हें पता चला कि अमेरिका के डीट्रॉइट शहर में कुत्तों, बिल्लियों, खरगोशों और अन्य जानवरों को गोद लेने का प्रावधान है. इसके साथ ही जावनरों से जुड़ीं कई तरह की सुधिधाएं भी दी जाती हैं.

राय को ये आइडिया अच्छा लगा और उन्होंने इसे अपने यहां लागू करने का विचार किया. इसके तहत ही कई बेहतरीन सुविधाएं स्थानीय निवासियों की दी गई हैं. अभी इस योजना में अपने संबंधित वार्डों में अपनाए गए कुत्तों के मालिकों को मुफ़्त पार्किंग स्लॉट देने की भी व्यवस्था लागू की जानी बाकी है. 

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