पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पंजाब के संगरूर ज़िले की अमनदीप कौर ने एक क़दम बढ़ाया है. दरअसल, खेतों में फ़सल बोने से पहले पराली जलाई जाती है, जिससे बहुत प्रदूषण होता है. पराली जलाने का ये मुद्दा प्रदूषण की वजह से चर्चा में भी है. इसी पर ध्यान देते हुए कृषि विज्ञान से ग्रेजुएट 17 साल की अमनदीप कौर ने बिना पराली जलाए फ़सल बोने की पहल की.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/11/5dbffcc69d04132519892a20_12eb087e-adb3-4bc6-b0ad-6a45806899ee.jpg)
अमनदीप को बचपन से सांस की बीमारी है और जब धान कटने के बाद पराली जलाई जाती है, तो उन्हें सांस लेने में ज़्यादा समस्या होने लगती है. इसीलिए उन्होंने अपने पापा से पराली न जलाने के लिए कहा और उनके साथ-साथ अन्य किसानों ने भी पराली न जलाने का फ़ैसला लिया.
अमनदीप ने NBT को बताया,
मेरे पिता के पास 20 एकड़ जमीन है और वो बुवाई करने के लिए 25 एकड़ और किराए पर लेते हैं. इस वजह से बुवाई से पहले पराली जलाने से बहुत प्रदूषण होता था. इसलिए मैंने उन्हें पराली न जलाने का विकल्प सुझाया. अब मेरे पिता बीज बोने वाली मशीन के ज़रिए बीज बोते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/11/5dbffcc69d04132519892a20_2fdf7d4a-a2fc-4b94-b78c-045228158a53.jpg)
अमनदीप ने बताया,
अब मैं बीज बोने के लिए मशीन का प्रयोग करती हूं और मेरे पास अपना ख़ुद का ट्रैक्टर भी है, जिसे मैं ख़ुद चलाती हूं और खेती करती हूं. जबसे पराली जलाना बंद हुआ है ज़मीन की उर्वरक शक्ति भी बढ़ी है और अब खाद की ज़्यादा ज़रूरत भी नहीं पड़ती है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/11/5dbffcc69d04132519892a20_e7e4614e-412e-47cf-bfb6-4fd03d3c88d3.jpg)
अमनदीप के इस काम से प्रभावित होकर गांव के सरपंच ने कहा,
अमनदीप से प्रभावित होकर गांव के 80 प्रतिशत किसानों ने पराली जलाना बंद कर दिया है. इससे मिट्टी भी बेहतर हो रही है और फ़सल भी अच्छी होने लगी है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2019/11/5dbffcc69d04132519892a20_3064ee00-c40a-4a6d-8a2c-c172cc8bc0c0.jpg)
अमनदीप की इस पहल ने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया है. इसमें गांववालों ने भी उनका बराबर का साथ दिया है.
Women से जुड़े आर्टिकल Scoopwhoophindi पर पढ़ें.