कोरोना वायरस के संकट के बीच एक ख़ुश करने वाली ख़बर सरकार की ओर से आई है. वो ये है कि जो कर्मचारी मुश्किल परिस्थियों में भी देश की सीमाओं पर सड़क बनाने का काम करे रहे हैं, Hindustan Times के अनुसार उनकी सैलरी में केंद्र सरकार ने 100 से 170 फ़ीसदी की बढ़ोतरी करने का फ़ैसला किया है. इस रिस्क अलाउंस का सबसे ज़्यादा लाभ भारत-चीन सीमा पर तनाव के बावजूद भी लद्दाख क्षेत्र में तैनात कर्मचारियों को मिलेगा.
Govt gives salary hike of upto 170% to people working on building roads in border areas: Reporthttps://t.co/zcyMHhoV67 pic.twitter.com/quGCspaZ8S
— Hindustan Times (@htTweets) June 26, 2020
ये आदेश राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) द्वारा जारी किया गया है, जिसे 1 जून से लागू कर दिया गया है. इसके ज़रिए श्रीनगर-लेह लद्दाख के बेरोज़गार युवाओं को नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे.

NHIDCL के अनुसार, इस पहल के तहत लद्दाख में आउटसोर्स के डेटा एंट्री ऑपरेटर का काम करने वाले की सैलेरी 16,770 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 41,440 प्रति माह कर दी गई है. दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में काम करने वाले एक व्यक्ति की प्रति माह की सैलेरी 28,000 रुपये होती है.

इसके अलावा लद्दाख क्षेत्र में काम करने वाले एक एकाउंटेंट की सैलेरी 25,700 से बढ़ाकर 47,360 प्रति माह कर दी गई है. साथ ही मैनेजर की पोस्ट पर काम करने वाले व्यक्ति की सैलेरी 50,000 से बढ़कर 1,12,800 प्रति माह कर दी गई है और एक सीनियर मैनेजर को 55,000 प्रति माह की जगह 1,23,600 रुपये सैलेरी मिलेगी.
इसके साथ ही आउटसोर्स या टेक्निकल या नॉन टेक्निकल स्टाफ़ को 5 लाख रुपये का मेडिकल बीमा और 10 लाख का एक्सीटेंड इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिया जाएगा. साथ ही कंपनी की ओर से TA, DA, ESI और PF की सुविधा भी मिलेगी.

सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सरकार के इस फ़ैसले पर ख़ुशी जताई.
Such a good and encouraging News!!!!!
— Satish K Singh (@SatkSingh) June 26, 2020
Govt gives salary hike of upto 170% to people working on building roads in border areas: Reporthttps://t.co/79q7cmAGwR
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Feeling Proud Indian🇮🇳🇮🇳🇮🇳
— Archisman Das (@Archism42871711) June 26, 2020
Awesome step👏
— Gurdeep Singh Riar (@riargurdeep) June 26, 2020
Very good initiative …
— Er. Pulkit Jindal (@pulkiteee) June 26, 2020
They are no less than warriors
— Manish Singh Parmar (@Thakurmsparmar) June 26, 2020
NHIDCL जोख़िम वाले क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को 3 समूहों में बांटा है. पहले में असम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और उत्तराखंड में काम करने वाले लोग शामिल हैं. दूसरे में अरुणाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, मिज़ोरम और नागालैंड में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं और तीसरे में लद्दाख क्षेत्र में काम करने वाले लोग शामिल हैं, जो सबसे अधिक जोख़िम वाला क्षेत्र है.
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