हैदराबाद का एक परिवार अपने अनोखेपन के कारण भीड़ में भी एकदम अलग दिखता है. वजह है इस परिवार का बौनापन. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस परिवार के 11 में से 9 सदस्य बौने हैं. बौनेपन के कारण उपेक्षा का शिकार होने के बाद भी ये परिवार अपनी कमज़ोरी को ताकत बनाकर जीना बखूबी जानता है.

इस परिवार के मुखिया 52 वर्षीय राम राज चौहान जेनेटिक डिसऑर्डर से प्रभावित हैं, जिसे मेडिकल भाषा में Achondroplasia कहा जाता है. इसी कारण से वो बौने हैं. इस घर के सभी लोग बौने हैं, जिसके कारण उन्हें लोगों के मज़ाक का पात्र बनना पड़ता है. नौबत तो ये तक होती है कि कोई इन्हें अपने यहां काम भी नहीं देता. मगर फिर भी ऐसे मुश्किल हालातों में ये परिवार अपने लिए जीने की नई राह निकाल रहा है.

दरअसल, राम राज के पूरे परिवार में कुल 21 सदस्य हैं, जिनमें से 18 सदस्यों को ये जेनेटिक डिसऑर्डर है.

राम राज मूलत: सात बहन और चार भाई थे. उन 11 लोगों में से 8 सदस्य इस जेनेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित थे. लेकिन इनके बड़े भाई पृथ्वी राज सहित कई लोग मर भी चुके हैं.

राम राज अब अपने परिवार के दस अन्य सदस्यों के साथ हैदराबाद के पुराने शहर में रहते हैं, जिनमें से 9 लोग इस कंडिशन से पीड़ित हैं. इस लिहाज़ से देखें, तो ये शहर का सबसे बड़ा बौना परिवार है.

राम राज के मुताबिक, हमारा परिवार जब भी बाहर निकलता है, लोगों की भीड़ हमारे चारों ओर इकट्ठा हो जाती है और लोग हमसे अजीब से सवाल पूछने लगते हैं. मसलन, आप इतने बौने क्यों हो, कैसे हो? आप कहां से हो? सभी हमारा मज़ाक उड़ाते हैं.
राम ने आगे फिर कहा, इस डिसऑर्डर के कारण एक निश्चित उम्र के बाद पैर कमज़ोर हो जाता है. मैंने अपने दादा और पिता को ऐसी समस्या को फेस करते देखा है. मैं भी चलने-फिरने में परेशानी महसूस करता हूं. मगर मेरा छोटा भाई बिना किसी मदद के अब चल नहीं पाता और ऐसी ही हालत मेरी दो बहनों की भी है.

इस परिवार को बौनेपन के कारण काम मिलने में भी काफ़ी परेशानी होती है. लोग इस परिवार के सदस्यों को काम पर रखने से इनकार कर देते हैं. राम राज अपने भाई की किराने की दुकान पर काम करते हैं. इसके अलावा वो शादियों में मूर्तियों की तरह हाथ जोड़कर अतिथियों के स्वागत के लिए खड़े रहने का काम भी करते हैं.

27 साल की बेटी अंबिका अकाउंटेंट बनना चाहती है, मगर वो भी इसी परेशानी से पीड़ित है. उसे काम ढूंढने में भी काफ़ी परेशानी होती है. इस परिवार के सदस्यों को लोग ये कहकर काम नहीं देते कि ‘तुम इतने छोटे हो, काम को कैसे मैनेज कर लोगे?’

लोग इस परिवार पर हंसते हैं. इन्हें ट्रेवेल करने में भी परेशानी होती है. सामान्य जीवन जीने और शादी-ब्याह में भी इन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, बावजूद इन सबके इस परिवार का मानना है कि उनकी ये हालत भगवान की देन है, इसलिए वे लोग खास हैं. लोग अगर इनका मज़ाक भी उड़ाते हैं या हंसते हैं, तो राम राज इसका तनिक भी बुरा नहीं मानते और सब भगवान पर छोड़ देते हैं.

राम राज और उनके परिवार के जीवन में कमाने को लेकर वैसे तो कई दिक्कते हैं, लेकिन इन दिक्कतों से वे हार मानने वाले नहीं हैं. इस परिवार में उनकी ज़िंदादिली साफ़ झलकती है. राम राज के हौसले काफ़ी बुलंद हैं और वे दूसरों के लिए भी प्रेरणा हैं. उन्हें देखकर उनके जैसे कई लोग अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित हो सकते हैं.