जबसे लॉकडाउन हुआ है तबसे काफ़ी कुछ बदला है, बच्चों की वीडियो क्लासेज़ हो रही हैं तो ऑफ़िसों के काम घर से किए जा रहे हैं. कोई कुकिंग सीख रहा है तो कोई पेंटिंग. अब राजस्थान के नागौर ज़िले में एक सरकारी स्कूल के टीचर्स ने मध्यप्रदेश और बारां के प्रवासी मज़दूरों को पढ़ाने का ज़िम्मा उठाया है. ये 19 प्रवासी मज़दूर लॉकडाउन की वजह से सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय में रह रहे है. इसी दौरान यहां के टीचर्स ने इन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया. अब ये सभी अपना नाम लिख और पढ़ लेते हैं, साथ ही इनको 10 तक गिनती भी आ गई है. 

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विद्यालय के शिक्षक सुशील कुमार ने PTI को बताया,

ये सभी मज़दूर लॉकडाउन की वजह से अपने घर नहीं जा पाए और यहीं फंस गए. इसलिए इन्हें यहां रोका गया और स्कूल के अलग कमरों में रहने की जगह दी गई. तभी हमने इन्हें ‘अक्षर ज्ञान’ पढ़ाने का फ़ैसला किया. अब ये सभी 10 तक गिनती लिख लेते हैं और मोबाइल पर नम्बर डायल और सेव करते हैं. इनको पढ़ाने का फ़ैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ये सभी अपने घर जाने के लिए बेचैन हो रहे थे.
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कुमार ने बताया,

मध्यप्रदेश के रहने वाले मज़दूरों को सरकार की ओर से यातायात की स्वीकृति मिलने के बाद वापस घर भेज दिया गया है, जबकि राजस्थान के मज़दूरों को अभी नहीं भेजा गया है, लेकिन उन्हें भी जल्दी भेज दिया जाएगा.
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प्रवासी मज़दूरों में से एक मनोज, जो 8वीं कक्षा तक पढ़े हैं उन्होंने बताया,

मैं किसी का भी नाम अंग्रेज़ी में नहीं लिख पाता था. मुझे यहां के अध्यापकों ने पढ़ाया. ये अध्यापक रोज़ क्लास लेने आते हैं. फ़िलहाल, मनोज 29 अप्रैल को अपने परिवावालों के पास पहुुंच गया, जो मध्यप्रदेश के गुना ज़िले में रहते हैं.

स्कूल प्रशासन ने बताया,

मेड़ता सिटी के मेघदंड, गांव में खेतों में फसलों की जुताई करने के लिए आए थे. मेघदंड ने 15 दिन काम किया भी था. इसी के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के डर से लॉकडाउन कर दिया गया था.
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आपको बता दें, पूरे राजस्थान में 22 मार्च से लॉकडाउन जारी है. राज्य में कोविड-19 से अब तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है और पूरे राज्य में शुक्रवार तक 2,642 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं.

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