ग्लोबल वार्मिंग हम सभी के लिये चिंता का विषय है. बार-बार चेतावनी मिलने के बाद भी हम इंसान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे हैं. ये हम सबकी करनी का ही नतीजा है कि आने वाले सौ वर्षों में धरती से सभी कीड़े विलुप्त हो जायेंगे. इसके साथ ही सोने पे सुहागा ये होगा कि इसका दुष्प्रभाव प्रकृति पर भी पड़ेगा और वो होगा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी. 

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जैविक संरक्षण पत्रिका में प्रकाशित एक वैज्ञानिक पत्र के मुताबिक, कीड़े हमारे ग्रह से तेज़ी से गायब हो रहे हैं और इसका एक बहुत कारण मानव गतिविधियां हैं. इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि 40 प्रतिशत से अधिक कीट प्रजातियां तेज़ी से घट रही हैं और 30 प्रतिशत से अधिक कीट आबादी लुप्त हो चुकी है. इसके साथ ही कुछ विलुप्त होने की कगार पर हैं. 

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रिपोर्ट में कीड़ों के गायब होने की वजह कृषि को भी बताया. कृषि के लिये इस्तेमाल खोने वाले ख़तरनाक कीटनाशक से भी ये कीड़े-मकौड़े ख़त्म हो रहे हैं. इसके अलावा शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन भी इसकी वजह हैं. 

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वहीं द गार्डियन की ख़बर के मुताबिक, धरती पर स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृप की तुलना में कीट की आबादी 8 गुना तेज़ी से घट रही है. ये हमारे लिये चिंता का विषय है, क्योंकि अगर धरती से कीट गायब हो गये, तो बाकि स्तनधारी जीव क्या खायेंगे? 

 संभलने के लिये पहले भी बोला जा चुका है, बाकि फ़ैसला आपका है. 

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