सरकार ने एक अहम फ़ैसला लेते हुए एक ही उत्पाद को अलग-अलग MRP (Maximum Retail Price) पर बेचने से मना कर दिया है. ये उन ग्राहकों के लिए अच्छी ख़बर है, जो एक ही उत्पाद को मॉल, सिनेमाहॉल और हवाई अड्डों पर अलग-अलग कीमतों पर बेचने की शिकायत कर रहे थे.
सरकार का ये निर्देश लीगल मैट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) नियम 2011, में हुए परिवर्तन का हिस्सा है, जो 1 जनवरी 2018 से प्रभावी होगा. इस नियम में ख़ास तौर पर ये उल्लेख किया गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी उत्पाद पर दो MRP घोषित नहीं करेगा.
सरकार का ये नियम रेस्टोरेंट में लागू नहीं होगा. क्योंकि रेस्टोरेंट GST के तहत Supply Service के अन्तर्गत आते हैं. सरकार ने ये भी आदेश दिया है कि उत्पादों पर लिखे जाने वाले अक्षरों और अंको का आकार बढ़ाया जाए, जिससे उपभोक्ता उन्हें आसानी से पढ़ सकें. इसके अलावा चिकित्सा उपकरणों जैसे स्टेंट, वॉल्व, आर्थोपेडिक इम्प्लांट्स, सीरिंज और ऑपरेशन के लिए टूल पर पर MRP लिखने का निर्देश दिया गया है, जिन पर पहले MRP नहीं लिखी जाती थी.
सरकार के ये निर्णय कागजों पर तो बेहद प्रभावी लग रहे हैं, लेकिन देखना होगा कि इन्हें ज़मीनी स्तर पर कितने प्रभावी ढंग से लागू किया जायेगा.