लॉकडाउन की वजह से एक जगह से दूसरी जगह पर जाना मुश्किल हो रखा है. ऐसा ही कुछ हाल केरल के कुट्टनाद क्षेत्र का भी है, जबसे लॉकडाउन लगा है तबसे वहां पर आने-जाने के लिए नाव की सुविधा बंद है. इसके चलते केरल की एक छात्रा को लगा कि उसको अपनी परीक्षा छोड़नी पड़ जाएगी. मगर फिर केरल राज्य जल परिवहन विभाग (SWTD) कार्यालय की मदद से सैंड्रा परीक्षा दे पाई. 

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दरअसल, HSC की परीक्षा की नई तारीख़ का एलान होने पर 17 साल की 11वीं की छात्रा सैंड्रा बाबू को लगा था कि वो परीक्षा नहीं दे पाएगी. सैंड्रा के माता-पिता दिहाड़ी मज़दूर हैं. उसने बताया,

जब HSC की परीक्षा का ऐलान हुआ तो मुझे लगा कि मैं परीक्षा नहीं दे पाऊंगी. क्योंकि मेरे पास स्कूल तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था. फिर मैंने केरल राज्य जल परिवहन विभाग (SWTD) से संपर्क किया और उन्हें पूरी बात बताई. उन्होंने मेरी परिस्थिति को समझा और नाव भेजने का वादा किया. मुझे SWTD के अधिकारियों पर गर्व है.
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SWTD ने छात्रा की बात को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार और शनिवार को केवल सैंड्रा के लिए 70 सीट वाली नाव चलाई. इसके लिए Alappuzha ज़िले के एमएन ब्लॉक से कोट्टायम ज़िले के कांजीराम तक की राउंड ट्रिप की गई. नाव से छात्रा को रोज़ सुबह 11:30 बजे स्कूल छोड़ा जाता था फिर शाम को 4 बजे उसे घर छोड़ दिया जाता था.

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SWTD के निदेशक शिवाजी वी नायर ने बताया,

जब सैंड्रा ने हमसे मदद मांगी तो किसी भी अधिकारी ने उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया. मगर मेरी बेटी भी एक छात्रा है. इसलिए मैंने सैंड्रा की बात को समझते हुए उसकी बात को आगे बढ़ाया. इसमें सरकार के साथ-साथ सभी ने साथ दिया. हमने नाव में पांच क्रू मेंबर्स को भी भेजा.
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Alappuzha इकाई के विभाग अधिकारी संतोष कुमार ने कहा,

आपको बता दें, जापान में भी एक रेलवे स्टेशन को तीन साल तक केवल एक छात्रा के लिए खोला गया था, ताकि वो स्कूल आ जा सके. उसकी पढ़ाई का नुकसान न हो.

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