‘नहीं होना था, नहीं होना था, लेकिन हो गया’ 

परदेस फ़िल्म का ये गाना हम यूं ही नहीं गुनगुना रहे. इसे गुनगुनाने की वजह वाज़िब है. दरअसल, कोरोनाकाल में जो नहीं होना चाहिये था, वही हो रहा है. मुद्दे की बात करें, तो हिमाचल का हाल बेहाल हो रखा है. 

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कुछ समय पहले ही हिमाचल सरकार ने पर्यटकों के लिये सीमा खोलने का फ़ैसला लिया. स्थानीय लोग और होटल मालिक ने राज्य सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ विरोध भी जताया. पर सरकार ने अपना फ़ैसला नहीं बदला. 

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अब हुआ ये कि महीनों तक लॉकडाउन में रहने के बाद कई लोग हिमाचल घूमने निकल पड़े हैं. यही वजह है कि कुछ दिनों से राज्य में वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. पड़ोसी राज्यों से आ रहे लोगों की भीड़ की वजह से औपचारिकतायें पूरी करने के लिये बैरियर लगा दिये गये हैं. हिमाचल सरकार द्वारा उन्हीं लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई है, जिनके पास एडवांस बुकिंग है. इसके अलावा 72 घंटे के भीतर ICMR मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला से ली गई कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट भी. 

कोरोना की गंभीरता को लोग अब भी हल्के में ले रहे हैं. 

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