लखनऊ नगर निगम, ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल के साथ मिलकर आवारा कुत्तों की नसबंदी और टैगिंग कर रहा है. इस कार्य के लिये नगर निगम ने एक आश्रय स्थल भी बनाया है. वहीं HSI द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ कर आश्रय में लाया जाता है. 

patrika

इसके बाद कुत्तों की नसबंदी की जाती है और टैग लगने के लगभग 3 दिन बाद उन्हें उनकी जगह पर छोड़ दिया जाता है. नगर निगम ने इस काम के लिये अमेरिकी संगठन ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल को चुना, क्योंकि वो बाकि संस्थानों की अपेक्षा में कम पैसे ले रहे हैं. इस बारे में बात करते हुए लखनऊ नगर निगम के संयुक्त निदेशक पशु कल्याण का कहना है कि आश्रय के निर्माण के लिये धनराशि राज्य सरकार द्वारा दी गई थी. हमने निविदा के माध्यम से HSI इंडिया को चुना. वो कुत्तों को खाना खिला कर मानवीय तरीके से पकड़ कर लाते हैं. उन्हें नसबंदी के लिये प्रति कुत्ता 999 रुपये अदा किये जा रहे हैं. 

aninews

वहीं HSI इंडिया के डॉग मैनेजमेंट प्रोग्राम मैनेजर डॉक्टर नीरज कुमार का कहना है कि 2019 में नगर निगम द्वारा HSI को कुत्तों की गिनती कर उनकी नसबंदी करने की ज़िम्मेदारी दी गई थी. फिलहाल पहली बार ये प्रोजेक्ट ऐप के ज़रिये शुरू किया गया है. 

humanesociety

बता दें कि HSI कुल 75,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी कर चुका है. इनकी गिनती जियो-टैगिंग द्वारा की जाती है. इसके बाद सभी ऐप के ज़रिये उनकी निगरानी की जाती है. 

News के और आर्टिकल्स पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.