कोरोना महामारी(Covid-19) दिन-प्रतिदिन देश में विकराल रूप धारण करती जा रही है. कहीं लोग बिना ऑक्सीजन के, तो कहीं बिना बेड के मरने को बेहाल हैं. इन मुश्किल की घड़ियों में भी लोग एक-दूसरे की मदद करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. वो ज़रूरतमंदों तक खाना-पानी से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक पहुंचा रहे हैं. ये देश के असली हीरो हैं जिनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है.
1. रवि अग्रवाल
रांची में पढ़ाई करने के साथ ऑटो रिक्शा चलाते हैं रवि अग्रवाल. वो कोरोना से पीड़ित मरीज़ों को मुफ़्त में अस्पताल तक पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें: केरल के Stray Dogs के लिए मसीहा हैं ये 70 वर्षीय दादा जी, ऐसे करते हैं उनकी देखभाल
2. मोहम्मद अमन क़ुरैशी
मोहम्मद अमन क़ुरैशी एक छात्र हैं जो जामिया नगर में रहते हैं. वो रोज़ाना 20-25 कोरोना के मरीज़ों तक हेल्दी खाना पहुंचाते हैं.
ये भी पढ़ें: किसी ने बेचे न्यूज़ पेपर, तो कोई था बस कंडक्टर, इन 10 सफ़ल भारतीयों की कहानी एक प्रेरणा है
3. बीनू जॉर्ज
उत्तराखंड के लैंडौर शहर में रहते हैं बीनू जॉर्ज. इन्होंने क्राउडफ़ंडिंग के ज़रिये 29 लाख रुपये एकत्र किए. इसको उन्होंने मसूरी के Landour Community Hospital (LCH) में दान कर दिया.
4. गौरव राय
गौरव राय पटना के रहने वाले हैं. वो संकट की इस घड़ी में अपनी कार में ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर मुफ़्त में ज़रूरतमंदों तक पहुंचा रहे हैं.
5. के.आर. रामचंद्रन
केरल के अलप्पुझा की गलियों में एक शख़्स कोरोना की स्पेशल कॉस्ट्यूम पहनकर लोगों को इससे बचने के उपाय बताता है, जैसे सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना. इनका नाम के.आर. रामचंद्रन जो एक थिएटर आर्टिस्ट रह चुके हैं.
6. नितिन यादव
नितिन यादव लखनऊ पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल काम करते हैं. वो कोरोनाकाल में मरीज़ों तक अपने ख़र्च पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाते हैं.
7. रसिक मेहता और उनकी पत्नी
रसिक मेहता ने कोरोना महामारी के कारण अपने बेटे को खो दिया. अब वो और उनकी पत्नी अपने एफ़डी के रुपयों (15 लाख) से दूसरे लोगों की मदद कर रहे हैं.
8. बत्तुला देवीश्री
तेलंगाना के खम्मम में रहती हैं 16 साल की बत्तुला देवीश्री. ये कोविड-19 से मरने वाले लगों का अंतिम संस्कार करती हैं.
9. नीलिमा और कुंदन
नीलिमा और कुंदन दोनों बहने हैं जो पटना में रहती हैं. वो यहां कोरोना से पीड़ित मरीजों को हेल्दी खाना डिलीवर कर रही हैं.
10. चंदिरा
चंदिरा चेन्नई की रहने वाली हैं. वो कोरोनाकाल में लोगों की मदद करने के लिए आगे आई हैं. वो अपने हाथ से मास्क बनाकर उन्हें फ़्री में लोगों को देती हैं.
11. सुमन विज
सुमन विज मोहाली के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं. वो कोरोना से संक्रमित हैं. इसके बावजूद वो अपने बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेना नहीं भूलतीं.
12. फैज़ुल
प्रयागराज में कोरोना पीड़ितों का शव मुफ़्त में अपने वाहन में ढोते हैं फैज़ुल. ज़रूरत पड़ने पर अनाथ लोगों की अर्थी को कंधा भी देते हैं.
13. शाहनवाज़ शेख
शाहनवाज़ शेख मुंबई के मलाड इलाके में रहते हैं. पिछले साल उन्होंने कोरोना के मरीज़ों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए अपनी एसयूवी कार बेच दी थी. फ़िलहाल वो हेल्पलाइन सेंटर चलाकर लोगों की मदद कर रहे हैं.
14. शिल्पा शाहू
DSP शिल्पा शाहू दंतेवाड़ा के इलाके में तैनात हैं. वो प्रेग्नेंट हैं फिर भी लोग लॉकडाउन का पालन करें इसका पूरा ख़्याल रखती हैं.
15. हितेश गूंगान
हितेश गूगान एक बिज़नेसमैन हैं, जो कोरोनाकाल में ज़रूतमंदों तक फ़्री में सामान पहुंचा कर उनकी मदद कर रहे हैं.
16. संतोष पांडे
संतोष पांडे एंबुलेंस ड्राइवर हैं. कोरोना महामारी में किसी मरीज़ को परेशानी न हो इसलिए वो निरंतर अपनी सेवाएं जारी रखे हैं.
17. सैय्यद हुसैन और रॉबर्ट रोड्रिगेज
ये दोनों कर्नाटक के मदिकेरी के एक हॉस्पिटल में काम करते हैं. दोनों कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं वो भी ख़ुद के ख़र्च से.
18. अमनप्रीत सिंह बाली
जम्मू-कश्मीर में रहने वाले अमनप्रीत सिंह बाली एक बायोमेडिकल इंजीनियर हैं. वो संकट की इस घड़ी में किसी भी अस्पताल में कोई मशीन बंद न पड़ जाए इसका पूरा ख़्याल रखते हैं.
19. वडोदरा की महिलाएं
वडोदरा में 6 महिलाओं की एक टीम है. जो Covid-19 के टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाली RT-PCR किट्स बनाकर तेज़ी से अस्पतालों में पहुंचा रही हैं.
20. चारू प्रज्ञा
चारू प्रज्ञा ने पिछले साल दिल्ली में जब लॉकडाउन लगा था तब ज़रूरतमंदों तक मुफ़्त में राशन और ट्र्रांस्पोर्टेशन की फ़ेसिलिटी प्रोवाइड की थी. इन दिनों वो लोगों को अस्पताल में बेड और दवाएं दिलवाने में मदद कर रही हैं.
इन सभी कोरोना वारियर्स को हमारा सलाम.