भूखा पेट और ज़िम्मेदारियां इंसान से कुछ भी कराती हैं. शायद यही वजह है जो कभी नेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतने वाला खिलाड़ी आज मीट बेच रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल लोहार झारखंड के सरायकेला-खरसावां ज़िला निवासी हैं. एक समय में वो तीरंदाज़ी में स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं. निराशा की बात ये है कि वो और उनका परिवार पानी तक के लिये मोहताज हैं. पानी की समस्या को देखते हुए उन्होंने पत्नी के साथ मिल कर कुंआ खोदने का फ़ैसला किया. ग़रीब परिवार से होने की वजह से उन्हें पानी के लिये प्राथमिक स्कूल पर निर्भर होना पड़ा.
वहीं जब कोरोना वायरस की वजह से स्कूल बंद हुए, तो वो पानी की बूंद-बूंद के लिये तरस गए. इस समस्या के चलते वो कुंआ खोदने को मजबूर हैं. करीब 25 दिनों में वो 20 फ़ीट गहरा गड्ढा खोद चुके हैं. अनिल का कहना है कि साल 2019 के मार्च महीने में ओडिशा में नेशनल तीरंदाज़ी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. जिसमें उन्होंने इंडियन राउंड के टीम इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल कर देश का नाम रौशन किया था.
इस जीत के बाद खिलाड़ी को उम्मीद थी कि शायद उसे गर्वमेंट की तरफ़ से नौकरी मिल जाए. पर अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ. थोड़े समय के लिये उन्होंने प्राइवेट नौकरी की, पर इस दौरान उन्हें लगा कि वो तीरंदाज़ी से दूर हो रहे हैं, तो उन्होंने वो नौकरी भी छोड़ दी. फिलहाल वो मीट बेचकर घर का पालन-पोषण कर रहे हैं.
दुख होता है ये जानकर कि देश के प्रतिभाशाली खिलाड़ी इतनी मुसीबत में हैं और राज्य सरकार को कोई फ़र्क़ तक नहीं पड़ता.
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