चीन के एक टाइगर पार्क में बाघों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ और उनके देखभाल के मामले में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई है. पार्क में मौज़ूद मोटापे से ग्रस्त बाघों की तस्वीरों को देखकर बाघ संरक्षण चैरिटी का गुस्सा फूट पड़ा है.

दरअसल, चीन के पूर्वोत्तर इलाके में हरबिन शहर के ‘Siberian Tiger Park’ में कथित तौर पर जानवरों की देखभाल करने वालों की लापरवाही और उनके द्वारा जबरन अत्यधिक खाना खिलाये जाने का मामला सामने आया है.

ऐसा बताया जा रहा है कि जब ये साइबेरियन टाइगर्स चुस्त, फिट और अच्छे शेप में थे, तब ये काफ़ी तेज़ और फुर्तीले थे. जब वे अच्छी हालत में थे, तब शिकार करने में भी काफ़ी सक्षम हुआ करते थे. लेकिन अत्यधिक मोटापे के कारण इनकी हालत एक बिल्ली की तरह हो गई है, जिनसे सही से कूदा भी नहीं जा रहा.

दुख की बात ये है कि ये टाइगर्स इतने मोटे हो चुके हैं कि ये सही से घूम-फिर भी नहीं पा रहे हैं. सच कहूं तो ये गंभीर तरीके से बीमार हो चुके हैं. अब परिणाम ये है कि जो लोग यहां बाघों को देखने आ चुके हैं या फिर जिन्होंने इन बाघों को ऑनलाइन देखा है, वो इन मोटे बाघों की ऐसी हालत देखकर काफ़ी चिंतित हो गये हैं.

इधर पार्क के कर्मचारियों को दावा है कि बाघों को लेकर चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. उनके ऊपर जो आरोप लगाये जा रहे हैं, वो एक सामान्य बात है. सर्दी के महीने में अकसर बाघों का वजन बढ़ जाता है. उनका मानना है कि वसंत के बाद से इनका वजन घटने लगेगा.

हालांकि, दुनिया के मुख्य संरक्षण संगठनों में से एक Born Free Foundation ने पार्क के कर्मचारियों की इन दलीलों से साफ़तौर पर अपनी असहमति जताई है.

Born Free Foundation के प्रेसीडेंट Will Travers OBE के मुताबिक, ये बाघ काफ़ी मोटे हो गये हैं. ये इस बात का संकेत है कि इन्हें अप्राकृतिक तरीके से खाना दिया जा रहा है और सही से डायट चार्ट फॉलो नहीं किया जाता. इन्हें पूरी तरह से कैद कर रखा जा रहा है, जिसके कारण इन्हें एक्सरसाइज़ का भी पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाता. ये जानवर वाकई बीमार हो गये हैं.

जानवरों के कल्याण के लिए गठित अंतर्राष्ट्रीय कोष के प्रवक्ता के मुताबिक, तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि ये बाघ मोटापे से ग्रस्त हैं. इसके लिए पार्क के कर्मचारियों को निरंतर खान-पान में एक संतुलन बना कर रखना होगा और मौसम के मिजाज़ को समझना होगा.

गौरतलब है कि ये टाइगर पार्क अतीत में भी बाघों की देखभाल जैसे विवादों में रहा है. हालांकि, इस पार्क में ऐसी व्यवस्था है कि विजिटर्स ज़िंदा चिकेन खरीद कर बाघों को खिला सकते हैं. इस लिहाज़ से बाघों के मोटापे को लेकर इसे भी एक कारण के रूप में देखा जा रहा है.