देश भर में कोरोना तो संकट बनकर छाया हुआ है. इस संकट से कई संकट और उत्पन्न हुए हैं, जैसे बेरोज़गारी, भुखमरी और आवास की कमी. हर देश और शहर का हाल बेहाल हो रखा है. बात करें दिल्ली की तो यहां रोज़ कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है. साथ-साथ भुखमरी और बेरोज़गारी भी. कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो रखा है और किसी को रोज़गार नहीं मिल रहा है. 

aljazeera

वैसे तो यहां कई मज़दूर और ग़रीब लोग हैं जो भूखे सड़क पर सो रहे हैं. इनमें से एक हैं 22 साल की नैनीताल की रहने वाली मां महक, जिसकी 8 महीने की बच्ची है. खाना न मिलने के कारण वो चावल पर ज़िंदा है. ये चावल भी वो दो दिन में एक बार खाती है वो भी तब जब भूख बर्दाश्त नहीं होती है. यहां तक कि महक अपनी 8 महीने की बच्ची और पति गोपाल के साथ फ़ुटपाथ पर ही अपना गुज़र-बसर कर रही है. ऐसे में कई ऐसे लोग हैं जो इन बेसहारा लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं.

ndtv

महक की न्यूज़ टीवी पर देखने के बाद गुरूग्राम की रहने वाली सुपर्णा बैनर्जी आगे आईं और उन्होंने महक तक ज़रूरी चीज़ें पहुंचाईं. जब महक को दिल्ली सरकार द्वारा आश्रयगृह ले जाया गया था, तब सुपर्णा ने एक बैग में फ़ीड कराने वाली मांओं के सुपरफ़ूड्स, जिसे उन्होंने एक दोस्त की मदद से लॉकडाउन के दौरान मंगाया था. साथ ही हेल्दी बीज और नट्स, देसी घी, डायपर, बेड शीट और अन्य सामान पुलिस की मदद से उसे ढूंढकर भेजे.

सुपर्णा ने Hindustantimes को बताया,

मैंने एक न्यूज़ चैनल पर महक और उसके शिशु की बिगड़ती हालत देखी थी तभी मैंने उसकी मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया. ये बहुत दुखद है. एक युवा मां, जो अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराने और उसे इलाज देने के लिए रो रही थी. वो ख़ुद भूखी थी, भूखे होने के कारण वो अपने बच्चे को दूध नहीं पिला पा रही थी. उसकी मदद करने के लिए, मैंने एक दोस्त से बात की जो सेंट्रल दिल्ली में रहता है. मैंने जो भी उसे बताया, उसने खरीद लिया. फिर दिल्ली पुलिस की मदद से मैंने वो किट उस तक पहुंचा दी.

संजय भाटिया, डीसीपी सेंट्रल, दिल्ली पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल संजय कुमार को किट लेने के लिए भेजा और व्यक्तिगत रूप से महक को सौंप दिया. 

आईटी उद्यमी और लाइफ़ कोच सुपर्णा ने बताया,

जिस कॉन्स्टेबल को मैंने बैग दिया था. वो बहुत ही नेक इंसान था. उसने अलग-अलग जगहों पर जाकर महक को ढूंढा और मुझसे भी महक की बात करवाई. मैं दिल्ली पुलिस की इस दयालुता के लिए हमेशा आभारी रहूंगी.

आपको बता दें, महक को सरकारी आश्रय में पहुंचाने का नेक काम आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने किया था. उन्होंने ही दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दी थी. वो कहते हैं, लोगों की मदद करने का ये काम हमारे अंदर की मानवता को ज़िंदा रखता है. सााथ ही बेसहारा लोगों को हम पर विश्वास करने का भरोसा दिलाता है.

ग़ौरतलब है कि कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ने के चलते केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है.

News पढ़ने के लिए ScoopWhoop हिंदी पर क्लिक करें.