सरकार और जनता के बीच की खाई को अगर कोई सफ़लतापूर्वक पाटने का काम कर रहा है, तो वो सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी हैं. मोदी सरकार ने ऐसे प्लेटफॉर्म विकसित कर दिये हैं कि लोग अब मन की बात, ट्विटर और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिये किसी भी मंत्रालय से आसानी और तेज़ी से जुड़ सकते हैं. साथ ही संपर्क स्थापित कर सकते हैं.
इन्हीं माध्यमों का इस्तेमाल किया एक बदनसीब पिता ने. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस पिता के 12 साल के बेटे के इलाज में मदद की है. पार्थ नाम का ये लड़का घातक मस्तिष्क विकार (Subacute Sclerosing Panencephalitis) से पीड़ित है.
पार्थ के पिता ने उसके इलाज के लिए अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी थी. इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी संपत्ति के अलावा पत्नी के गहने तक बेच दिये थे. मगर कोई परिणाम सामने नहीं आ रहा था. जब पार्थ के पिता के पास इलाज का कोई भी रास्ता नहीं बचा, तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखकर अपनी मजबूरी बताने का फ़ैसला किया.
हालांकि, पार्थ के पिता को यकीन भी नहीं था कि पीएम मोदी का जवाब आएगा और वो भी सकारात्मक. पत्र लिखे जाने के कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री कार्यालय से पार्थ के पिता को एक पत्र मिला. उस पत्र में पीएम मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया कि पीएम ऑफिस पार्थ के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा और उसका आगे का इलाज ऑल इंडिया मेडिकल साइंस (AIIMS) में होगा.
आभारी पिता ने डीडी न्यूज़ को बताया, मोदी जी के आश्वासन के बाद अब पार्थ का इलाज एम्स में हो रहा है. पीएम मोदी ने न सिर्फ़ हमें वित्तीय सहायता दी है, बल्कि उन्होंने हमें मानसिक तौर पर भी मदद पहुंचाई है.
शिशू न्यूरोलॉजी विभाग की डॉ. Sheffali Gulati के मुताबिक, पार्थ को ठीक करने के लिए एम्स में डॉक्टर्स अपना बेहतर प्रयास कर रहे हैं. पार्थ के सारे टेस्ट हो चुके हैं और उसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है. यह एक अपक्षयी मस्तिष्क रोग है. जिसके लिये हम हर संभव बेहतर उपचार प्रदान कर रहे हैं.
पार्थ को बचाने के लिए सरकार और एम्स के प्रयासों को देखकर पार्थ के पिता सच में काफ़ी खुश हैं.