कहते हैं इंसान पैसों से अमीर हो न हो पर दिल से अमीर होना चाहिये. बस किसी की यही आदत उसे अमीरों से भी अमीर बनाती है. आज तेलंगाना से एक ऐसे दरियादिल इंसान की कहानी सामने आई है. जो पैसों से अमीर नहीं है पर उसने जो काम किया है, उसके बाद उसका कद ज़रूर अमीर हो गया. 

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रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के एक सफ़ाई कर्मचारी ने कोरोना की लड़ाई लड़ने के लिये अपना दो महीने का वेतन दान दे दिया. स्वच्छता कार्यकर्ता ने ये पैसे मुख्यमंत्री राहतकोष में दान दिये हैं. 

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तेलंगाना के आईटी मंत्री केटी रामाराव ने इस बात की जानकारी ट्विटर पर साझा करते हुए दरियादिल शख़्स की तारीफ़ की है. मंत्री जी लिखते हैं कि आदिवासी युवा बोंथा साई ने अपने दो महीने का वेतन दान किया है. स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाला ये युवा सामाजिक रूप से जागरूक युवा है. 

कमाल की बात है न स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले इस युवक की कमाई कितनी ही होगी? वेतन से इसका ख़ुद का घर चल जाये काफ़ी है, पर इसने इन बातों की परवाह किये बिना देशहित के बारे में सोचा. ये इंसानियत भी है, बड़प्पन भी और एक हिंदुस्तानी की पहचान भी. 

सोशल मीडिया पर बोंथा साई की तारीफ़ों का तांता लगा हुआ है: 

कर्मचारी को सलाम! 

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