Tata Brand सिर्फ़ एक बिज़नेस कंपनी नहीं है, बल्कि इस ग्रुप का भारत की तरक़्क़ी में बहुत बड़ा योगदान रहा है. 1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित यह कंपनी आज विश्व में अपना लोहा मनवा रही है. आपको जानकर ख़ुशी होगी कि टाटा ग्रुप के ‘Taj Hotels’ को दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड घोषित कर दिया गया है. जानिए यह पूरी जानकारी और साथ में जानिए वो अनसुना क़िस्सा जब अंग्रेजों द्वारा किए गए अपमान का बदला लेने के लिए जमशेदजी टाटा को नींव रखनी पड़ी ताज होटल की.    

बना दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड 

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Brand Finance ब्रिटेन की एक ब्रांड वैल्यूएशन कंसल्टेंसी है, जिसने अपनी 2021 की सूची में ‘इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड’ (IHCL – टाटा ग्रूप का ही एक हिस्सा) के ब्रांड ‘ताज होटल’ को दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड घोषित किया है. यह अपने आप में ही एक ख़ास बात है जिन ब्रिटिशर्स से बदला लेने के लिए इस होटल का निर्माण किया गया था, आज वोही इसे दुनिया का सबसे मजबूत होटल ब्रांड कह रहे हैं.   

100 साल से भी ज़्यादा पुरानी विरासत   

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जानकर हैरान होगी कि मुंबई में Gateway of India के पास खड़ा ताज होटल 100 साल से भी ज़्यादा पुरानी विरासत है. इस ऐतिहासिक इमारत का निर्माण जमशेदजी टाटा ने 1905 में करवाया था. 

आतंकवादी हमलों का गवाह       

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मुंबई का ताज होटल अपनी मजबूत दीवारों के साथ एक बड़े आतंकवादी हमले का गवाह भी है. आपको 26/11/2008 का मुंबई हमला तो याद होगा, जब मुंबई की कई जगहों पर बम धमाके व गोलीबारी की गई थी. उसमें एक ताज होटल भी था. इस हमले में होटल में ठहरे कई लोग मारे गए थे और इमारत को भी काफ़ी नुक़सान पहुंचा था. बाद में इस इमारत में मरम्मत का काम करवाया गया था.   

अपमान का बदला   

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होटल ताज की नींव एक अपमान का बदला थी. वो अपमान जो अंग्रेज़ों ने भारतीयों का किया था. दरअसल, एक बार टाटा के संस्थापक जमशेदजी टाटा को उनके किसी अंग्रेज़ मित्र ने मुंबई के किसी आलीशान होटल में बुलाया था. लेकिन, जैसे ही वो उस होटल में पहुंचे, तो वहां के मैनेजर ने उन्हें यह कहकर अंदर आने नहीं दिया कि ‘इस होटल में भारतीयों का आना वर्जित है’. यह बात टाटा को बहुत बुरी लगी, क्योंकि वो न सिर्फ़ उनका अपमान था, बल्कि पूरे भारतीयों का अपमान था. 

बना डाला ताज होटल   

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कहते हैं अंग्रेज़ी शासन के वक्त भारत में कई ऐसे होटल थे, जहां भारतीयों को आने नहीं दिया जाता था. जमशेदजी टाटा को वो बात इतनी चुभी कि उन्होंने 1905 में एक आलिशान और बड़े होटल का निर्माण करवा दिया और उसका नाम रखा ‘ताज महल पैलेस’.   

तो दोस्तों, यह थी ताज होटल बनने की ऐतिहासिक घटना. आपको यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर ज़रूर बताएं.