‘आवश्यकता आविष्कार की जननी है’ इस बात को एक बार फिर सही साबित कर दिया है 28 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने. भारतीय मूल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अरुण मलिक ने ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में हरियाणवी रेडियो ऐप की शुरुआत कर एक बार फिर से दुनिया के सामने भारतीय प्रतिभा की चमक को बिखेर दिया है.

दरअसल, हिसार जिले के हंसी निवासी अरुण मलिक आज से नौ साल पहले उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हो गये थे. वहां पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर की थी.

हरियाणवी रेडियो ऐप बनाने का विचार उन्हें तब आया, जब एक दिन उन्होंने ब्रिसबेन के एक भारतीय रेडियो चैनल से हरियाणवी सॉन्ग बजाने का अनुरोध किया. मगर चैनल वालों ने हरियाणवी सॉन्ग बजाने से साफ़ इंकार कर दिया.

बस इस इनकार से मलिक को ऐसा झटका लगा कि उन्होंने हरियाणवी भाषा में ही रेडियो ऐप बनाने की ठान ली. महज ढेर साल के प्रयास में उन्होंने हरियाणवी भाषा में एक रेडियो ऐप विकसित कर दिया और आज उनके प्रयास का नाम है- रेडियो Kasoot. पिछले 6 महीने में इस रेडियो ऐप को दस हज़ार से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है.

गुरुग्राम में दो दिवसीय हरियाणा प्रवासी दिवस पर आए मलिके ने कहा, हमारे रेडियो चैनल पर हर कार्यक्रम हरियाणवी भाषा में होता है. विदेशों में रह रहे हरियाणा के लोग कार्यस्थल पर इंग्लिश और घर में हिंदी बोला करते हैं. वे अपनी क्षेत्रिय भाषा को मिस करते हैं. यही वजह है कि अब हमारा रेडियो काफ़ी पॉपुलर हो रहा है.

गौरतलब है मलिक ने अकेले इस वेंचर की शुरुआत की थी, मगर अब उनके साथ 10 लोगों की टीम काम कर रही है. पूरे ऑस्ट्रेलिया में यह रेडियो हरियाणवी भाषा में प्रसारित होता है. मलिक ने हरियाणा सरकार को राज्य में एफएम रेडियो शुरू करने का भी प्रस्ताव दिया है.

रेडियो Kasoot महिला सशक्तिकरण पर भी एक कार्यक्रम प्रसारित करता है, जिसका नाम है- ‘म्हारा हरियाणा म्हारी बहन’. साथ ही यह कई सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम प्रसारित करता है. इतना ही नहीं, इस चैनल के माध्यम से हरियाणा के लोकगीतों का भी प्रसारण होता है.