केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, देश के बड़े जलाशयों का जलस्तर तेज़ी से कम हो रहा है. इनमें उत्तराखंड नदी-नाले भी शामिल हैं. लेकिन उत्तराखंड का एक आईएएस ऑफ़िसर सूख चुके या फिर सूखने की कग़ार पर पहुंच चुके जलाशयों को फिर से जीवित करने की कोशिश में जुटा है. चलिए आज आपको इनसे भी मिलवा देते हैं.

हम बात कर रहे हैं उत्तरकाशी ज़िले के डीएम मयूर दीक्षित की. ये एक पर्यावरण प्रेमी हैं और इन्होंने अपने ज़िले में जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए ‘मिशन इंद्रावती’ लॉन्च किया है.

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इंद्रावती एक 12 किलोमीटर लंबी नदी है जो 11 गांव में रहने वाले 5000 से अधिक किसानों की सिंचाई का प्रमुख साधन है. इससे हज़ारों लोगों की आजीविका और जीवन जुड़ा है. ये नदी सूखने के कगार पर पहुंच गई थी. इस मिशन के ज़रिये इसे फिर से जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए डीएम साहब ने नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं.

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इस मिशन की ख़ासियत ये है कि इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार भी मिल रहा है क्योंकि इसे मनरेगा से जोड़ा गया है. इसका 80 फ़ीसदी काम हो चुका है. मयूर दीक्षित इससे पहले उधम सिंह नगर में मुख्य विकास अधिकारी थे. तब उन्होंने अपने कार्यकाल में 550 से अधिक जल निकायों को पुनर्जीवित करने में मदद की थी. 

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इनसे मवेशियों को पीने का पानी और किसानों को खेत के लिए पानी मिल रहा है. उनके कार्य की केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने भी तारीफ़ की थी. मयूर दीक्षित जी 2012 बैच के IAS अधिकारी हैं. इन्होंने IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है.

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वो कहते हैं’पारंपरिक जल स्रोत हमारी सभ्यता की जीवन रेखा रहे हैं. हमें इन प्राकृतिक स्रोतों को बनाए रखने के लिए थोड़ा प्रयास तो करना ही चाहिए.’

जल संकट की गहराती समस्या को देखते हुए हमें ऐसे ही सराहनीय प्रायासों की आवश्यकता है. ताकी समय रहते इससे निपटा जा सके.