जिन लोगों ने जीवन में संघर्ष किया होता है उन्हें सफ़लता एक न एक दिन ज़रूर मिलती है. आज हम आपको एक ऐसे ही शख़्स की कहानी बताएंगे जो कभी झुग्गी-झोपड़ी में रहता था, साइबर कैफ़े में बैठकर पढ़ता था और आगे चलकर एस्ट्रोनॉमी लेक्चर बना. ये शख़्स आज भारत सरकार के साथ बतौर वैज्ञानिक सलाहकार काम कर रहे हैं.

बात हो रही है आर्यन मिश्रा की जो कभी दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ियों में रहते थे. उनके पिता कभी अख़बार बेचकर तो कभी मज़दूरी कर उन्हें पढ़ाते थे. आर्यन ने भी पिता का पूरा साथ दिया और पढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. जिसका नतीजा ये रहा कि उन्होंने 14 साल की उम्र में ही एक एस्टेरॉयड (Asteroid) की खोज कर डाली.

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11 साल की उम्र में भा गई थी अंतरिक्ष की दुनिया

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आर्यन ने ये एस्टेरॉयड All India Asteroid Search Campaign के तहत खोजा था. आर्यन जब 11 साल के थे तब उन्होंने टेलिस्कोप की मदद से शनि ग्रह को देखा था. उसे देख वो अंतरिक्ष के दुनिया की तरफ आकर्षित हो गए. उन्होंने ठान लिया कि वो आगे चलकर एस्ट्रोनॉट (Astronaut) बनेंगे. आर्यन ने ख़ूब पढ़ाई की और अमेरिका में एस्ट्रोनॉट बनने के कोर्स के लिए सेलेक्ट भी हो गए, लेकिन आर्थिक कारणों के कारण उनका सपना पूरा न हो सका. 

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पढ़ाई के साथ शुरू किया स्टार्टअप 

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मगर आर्यन ने हार नहीं मानी उन्होंने यहीं रहकर पहले बी.एस.सी की और फिर बाद में फ़िजिक्स में स्नातक. आर्यन ने पढ़ाई के साथ-साथ ही एक स्टार्टअप भी शुरू किया, जिसका नाम स्पार्क एस्ट्रोनॉमी है. वो इसके ज़रिये कई स्कूल्स में एस्ट्रोनॉमी पर लेक्चर देते और बच्चों को अंतरिक्ष की दुनिया को जानने समझने की लिए मशीनें भी उपलब्ध करवाते.

एक सफ़ल एस्ट्रोनॉमी लेक्चरर भी हैं   

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एक सफ़ल एस्ट्रोनॉमी लेक्चरर भी हैं आर्यन मिश्रा. वो कई स्कूल्स और यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी पर लेक्चर दे चुके हैं. यहां तक कि उन्हें विदेशों में भी स्पीच देने के लिए आमंत्रित किया जा चुका है. TED Talks में भी वो अपनी कहानी लोगों के साथ शेयर कर चुके हैं. एयरोस्पेस में भी उनकी नॉलेज काफ़ी अच्छी है वो एयरक्राफ़्ट को डिज़ाइन करने में भारत सरकार की मदद कर चुके हैं.

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फ़िलहाल आर्यन मिश्रा भारत सरकार के लिए बतौर वैज्ञानिक सलाहकार काम कर रहे हैं. उनकी ये प्रेरणादायक कहानी Humans of Bombay ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर की है.

स्लम से स्पेस तक का सफ़र तय करने वाले आर्यन हर किसी के लिए प्रेरणा हैं.