लॉकडाउन का ये कहर सबसे ज़्यादा किसी पर बरपा है तो वो हैं हमारे मज़दूर. हज़ारों मील भूखे-प्यासे पैदल चलकर ये अपने घर तक की यात्रा तय करने को मजबूर हैं. घर पहुंचने की उम्मीद इन्हें हर कष्ट सहने की हिम्मत दे रही है. गोपालगंज के मज़दूरों को ही ले लो, जो पंजाब से तो निकले लेकिन रास्ते में ही बस से कुचल दिए गए. इन मज़दूरों पर जो गुज़र रही है उससे शायद प्रशासन और सरकार दोनों ही आंखें मूंदे हैं. मगर ये मज़दूर ऐसे समय में भी इंसानियत की मिसाल कायम कर रहे हैं.

मुंबई-नासिक हाईवे से एक प्रवासी मज़दूर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. ये मज़दूर ख़ुद पैदल चल रहे हैं लेकिन अपने पालतू जानवर को अपनी गोद में लिए हैं. आप तस्वीर में देख सकते हैं, इनके हाथ में कुत्ता और बतख है. इस तस्वीर को Animal Rescuer नवीन नादर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है.  

Scoopwhoop के साथ हुए इंटरव्यू में, Animal Rescuer राजेश नटराज ने बताया, देश के सभी प्रवासी मज़दूर अपने साथ अपने पालतू जानवरों को लेकर जा रहे थे. उनके पालतू जानवर उनके लिए परिवार के सदस्य जैसे हैं. इसलिए ये मज़दूर इन्हें कहीं नहीं जाने देना चाहते हैं.

उन्होंने आगे बताया,

जब इनकी टीम ने कुछ प्रवासी मज़दूरों और उनके पालतू खरगोशों की मदद करने की पेशकश की, तो प्रवासी मज़दूरों ने मदद से इंकार कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि ये सब एक जाल है उन्हें उनके जानवरों से दूर करने के लिए.

इन लोगों को ये भी पता नहीं है कि इनको खाना कब मिलेगा. इनके पास पर्याप्त संसाधन भी नहीं है. फिर भी ये अपने पालतू जानवरों की देखभाल कर रहे हैं. इन मज़दूरों से हम सबको इंसानियत सीखनी चाहिए.

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