भारतीय सेना की अधिकारी मेजर सुमन गवानी और ब्राज़ील की कमांडर Carla Monteiro de Castro Araujo को दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र के चीफ़ Antonio Guterres ने सम्मानित किया. इन्हें ‘यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ़ द इयर पुरस्कार’ सम्मानित किया गया.
#Indian🇮🇳 peacekeeper — Suman Gawani — to be honoured with the @UN Military Gender Advocate of the Year Award during an online ceremony presided over by 🇺🇳 Secretary-General @antonioguterres on 29 May – International Day of UN Peacekeepers: https://t.co/hjdQQxChdW pic.twitter.com/528yC0aHH6
— United Nations in India (@UNinIndia) May 26, 2020
Guterres ने ये अंतर्राष्ट्रीय समारोह के ‘International Day of United Nations Peacekeepers’ के मौके पर वर्चुअल समारोह के दौरान गवानी और Araujo को पुरस्कार दिया. ये पहला साल है जब एक भारतीय को ये पुरस्कार दिया गया है. मिलिट्री ऑब्ज़र्वर गवानी को ये सम्मान दक्षिण सूडान में यौन-हिंसा विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए दिया गया है. वहीं, Araujo ने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र के बहुआयामी एकीकृत एकीकरण मिशन में शानदार योगदान दिया.

गवानी ने ड्यूटी के दौरान यौन हिंसा से जुड़े मामलों पर निगरानी रखने वाली 230 महिला यूएन मिलिट्री ऑब्ज़र्वर्स को ट्रेनिंग दी. इसके अलावा दक्षिणी सूडान में सभी यूएन मिशन साइट्स पर महिला यूएन मिलिट्री ऑब्ज़र्वर्स की तैनाती भी सुनिश्चित की. मेजर सुमन ने यौन हिंसा से जुडे़ मामलों को रोकने के लिए दक्षिण सूडान की सेनाओं को भी ट्रेनिंग दी.

Guterres ने कहा,
गवानी और Araujo के ‘प्रेरणादायक कामों’ ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और स्थानीय महिलाओं और अपने सहयोगियों को सशक्त बनाने में क़ाबिल-ए-तारीफ़ बदलाव किया है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा,
आपका योगदान इस बात का सबूत है कि महिलाओं के लिए शांति और सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.
Guterres ने सैन्य, पुलिस और नागरिक कर्मियों को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से निभाया था. इन्हें मरणोपरांत प्रतिष्ठित Dag Hammarskjöld Medal के साथ उनके साहस, कर्तव्य और बलिदान के लिए सम्मानित किया गया था.
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