उत्तर प्रदेश के 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में रोज़ाना नये मामले सामने आ रहे हैं. ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक पाने वाला शख़्स राष्ट्रपति का नाम नहीं बता पाया. बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र पटेल नामक शख़्स ने एग्ज़ाम में 150 में से 142 अंक हासिल किये थे, लेकिन फिर भी देश के राष्ट्रपति का नाम नहीं बता पाया. 

newindianexpress

मामले की छानबीन होने पर बीते रविवार प्रयागराज पुलिस ने आरोपी पटेल को गिरफ़्तार कर लिया है. इसके साथ ही जालसाज़ी के मामले में अन्य 9 लोगों को भी गिरफ़्तारी हुई है. बीते मंगलवार सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि वो सहायक अध्यापकों के 37,339 पद खाली रखें, साथ ही राज्य में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया भी रुकी रहे. 

financialexpress

वहीं योगी सरकार द्वारा राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले की एसटीएफ़ जांच के आदेश दे दिये गये हैं. इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 69,000 शिक्षक भर्ती घोटाले को व्यापम घोटाला नाम दिया है. इसके साथ उन्होंने छात्रों के साथ न्याय की मांग भी की है. प्रियंका गांधी का कहना है कि अगर सरकार ने न्याय नहीं किया, तो इसका जवाब आंदोलन से किया जाएगा. 

प्रियंका गांधी के अलावा बीएसपी प्रमुख मायवती ने भी मामले में सीबीआई जांच की मांग की है. रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने के लिये करीब 7.50 लाख रुपये कैश दिया था. परीक्षा 6 जनवरी, 2019 को आयोजित की गई थी और इसका परिणाम इस साल 12 मई को घोषित किया गया था. 

News के और आर्टिकल्स पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.