उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक 81 वर्षीय स्केच आर्टिस्ट को ‘डिजिटल रेप’ (Digital Rape) के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. शख़्स पर आरोप है कि वो 17 वर्षीय लड़की के साथ पिछले सात साल से डिजिटल बलात्कार कर रहा था. आरोपी के ख़िलाफ़ धारा 376, 323, 506 और पोक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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ऐसे में बहुत से लोगों को ये लग रहा है डिजिटल रेप का मतलब शायद ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर किसी लड़की का यौन उत्पीड़न है. हालांकि, ऐसा नहीं है. डिजिटल रेप का इंटरनेट से कोई लेना-देना नहीं है.
तो फिर क्या है डिजिटल रेप (Digital Rape) का मतलब?

साल 2013 में संशोधित हुआ था यौन अपराध कानून

साल 2013 में भारतीय दंड संहिता में डिजिटल रेप को यौन अपराध की परिभाषा के तहत शामिल किया गया था. इस संशोधन के बाद रेप सिर्फ़ जबरन सहवास तक ही सीमित नहीं रह गया. बल्कि, महिला के मुंह, यूरिन एरिया, वजाइना या गुदा में किसी भी वस्तु या शरीर के हिस्से को किसी भी हद तक प्रवेश करना भी रेप माना जाता है.
बता दें, आईपीसी की धारा 376 के तहत डिजिटल रेप का दोषी पाए जाने पर किसी व्यक्ति को पांच साल की सज़ा हो सकती है. कुछ मामलों में ये सज़ा 10 साल या आजीवन कारावास भी हो सकता है.