हिंदू धर्म में बजरंगबली हनुमान जी को काफ़ी पूजा जाता है. देशभर में हर मोहल्ले में हमें हनुमान जी का मंदिर देखने को मिल जाता है. भारत में बजरंगबली के प्रति लोगों की श्रद्धा और विश्वास देखने लायक है. देश में हनुमान जी के साथ ही उनके पवित्र ‘गदे’ को भी पूजा जाता है. कुछ लोग तो इसे अपने घरों में भी रखते हैं और कुछ लोग छोटी गदा गले में भी धारण करते हैं. कहते हैं कि इसे धारण करने से क्रोध, लालच, अहंकार और वासना पर नियंत्रण रहता है. प्राचीन भारत में गदा हथियार के रूप में ही नहीं, बल्कि संप्रभुता शासन का अधिकार और शासन करने की शक्ति का प्रतीक भी माना जाता था.
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हनुमान जी की गदा (Hanuman Ji’s Mace)

दरअसल, पिछले कुछ समय सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें अदालत में जज की टेबल पर हनुमान जी की गदा (Hanuman Ji’s Mace) रखा हुआ है. तस्वीर के साथ ये भी बताया जा रहा है कि ये अदालत ‘हुकुमत-ए-पाकिस्तान’ की है और पाकिस्तान की अधिकतर अदालतों में जज की टेबल पर गदा रखा जाता है. केवल अदालतों में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की संसद में भी स्पीकर की टेबल पर हनुमान जी का गदा रखा जाता है. भारत में लोग ये बात जानकर गदगद हैं कि पाकिस्तान में भी हनुमान जी के गदे की मान्यता है.

अब सवाल ये उठता है कि आख़िर पाकिस्तान की संसद और अदालतों की टेबल पर हनुमान जी का ‘गदा’ क्यों रखा जाता है. बजरंगबली का गदा रखने का क्या मतलब हो सकता है? चलिए अब इसके पीछे की वजह भी जान लेते हैं.

पाकिस्तान की संसद और अदालतों में स्पीकर और जज की टेबल पर हनुमान जी की गदा (Hanuman Ji’s Mace) रखा जाता है, ये बात पूरी तरह से सच है. मगर हर तस्वीर के पीछे कोई न कोई वजह होती है. इस तस्वीर के पीछे की सच्चाई भी कुछ ऐसी ही है. केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया के लगभग सभी लोकतांत्रिक देशों में इसी तरह की गदा विधानसभा के अंदर देखने को मिल जाती है. इसका रंग रूप और बनावट देश के हिसाब से अलग-अलग है. ख़ासकर ब्रिटेन के अधीन रह चुके कॉमनवेल्थ राष्ट्रों के सदन में सभापति की टेबल पर गदा देखने को मिल जाता है.

क्या है इसके पीछे की सच्चाई?
दरअसल, दुनिया के कई देशों की संसद और अदालतों में स्पीकर और जज की टेबल पर गदा रखने के पीछे एक ख़ास मकसद होता है. ये इंसान के क्रोध, लालच, अहंकार, वासना और किसी के प्रति लगाव और उसके पास शासन का अधिकार करने की शक्ति रखता है. सच ये है कि ये हनुमानजी की गदा नहीं, बल्कि Speaker’s Mace (स्पीकर-अध्यक्ष की गदा) है. ये ब्रिटिश परम्परा है. भारत में भी स्पीकर की टेबल पर इसे देखा जा सकता है. हनुमान जी की गदा (Hanuman Ji’s Mace)

आज़ादी से पहले भारत की संसद में स्पीकर की टेबल पर भी ऐसी एक ‘गदा’ रखी जाती थी, लेकिन आज़ादी के बाद इसे हटा दिया गया. मगर आज भी देश की कुछ विधानसभाओं में स्पीकर की टेबल पर गदे को देखा जा सकता है.
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