‘8 महीने की बच्ची का चचेरे भाई ने ही किया रेप’
काफ़ी ज़्यादा जानी-पहचानी लग रही होंगी न ये लाइनें? सफ़ेद अख़बार पर काले, बोल्ड अक्षरों में कई बार फ़्रंट पेज पर ऐसी लाइनें पढ़ी होंगी. हो सकता है 4 पल का अफ़सोस भी जताया हो और 5वें पल ‘इस देश का कुछ नहीं हो सकता’ भी कह दिया हो.
NCRB के 2016 के डेटा के मुताबिक, हमारे देश में रोज़ाना 106 बलात्कार की घटनाएं होती हैं. अब इन घटनाओं को दिन, हफ़्ते, महीने और साल के हिसाब से गुना कर लीजिए. एक साल में 38690 बलात्कार की घटनाएं…
मामला 1
ख़बरों में पढ़ा कि उत्तर प्रदेश की एक लड़की ने बीजेपी विधायक, कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था. पिछले साल सर्वाइवर ने मुख्यमंत्री आवास के सामने ख़ुद को जलाने की कोशिश की थी. विधायक के लोगों ने सर्वाइवर के पिता को पीटा और पुलिस ने भी कुछ 8-10 सेक्शन ठोककर सर्वाइवर के पिता को ही जेल में डाल दिया. पिता की पुलिस हिरासत में ही मौत हो गई.
मामला 2
ख़बर आई कि जयपुर में एक थाने में एक महिला ने ख़ुद को जला लिया. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला मर गई तो कुछ के अनुसार ज़िन्दगी और मौत के बीच झूल रही है. महिला ने थाने में रेप की रिपोर्ट लिखवाई थी पर किसी की गिरफ़्तारी न होने, कोई कार्रवाई ने होने से दुखी, हताश होकर उसने ख़ुद को जला डाला. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, 75% जल चुकी महिला की मौत हो गई.
बीते 2 दिनों में सामने आए ये दो मामले. दोनों दो अलग-अलग राज्य की घटनाएं, पर घटना एक ही है- रेप. एक तरफ़ देश मंगल, चांद और सूरज तक पहुंचन के ख़्वाब सच कर रहा है, देख रहा है. दूसरी तरफ़ न्याय की उम्मीद कर रही महिलाओं की मौत हो रही हैं.
दिल्ली-2012 के केस ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. पूरा देश सड़कों पर उतर आया था. पुलिस पर इतना दबाव बनाया गया कि सभी आरोपी पकड़ लिए गए. मैं पूछती हूं क्या इस देश के लोग सड़कों पर रेप की क्रूरता के आधार पर उतरते हैं? क्या शहर देखकर रेप सर्वाइवर के लिए न्याय मांगने के लिए मोमबत्तियां जलाई जाती हैं?
पाकिस्तान से ख़ुद को बेहतर कहने वाले इस देश के लोगों को ये पता होना चाहिए कि 7 साल की ज़ैनब को न्याय दिलाने के लिए पूरा देश सड़कों पर आ गया था और हफ़्तेभर के अंदर आरोपी को सज़ा भी हुई थी. और यहां रेप सर्वाइवर्स न्याय की भीख मांगते-मांगते मौत के क़रीब पहुंच जाते हैं.