कहते हैं रोटी, कपड़ा और मकान के बाद ‘मनोरंजन’ इंसान की चौथी सबसे ज़रूरी चीज़ है और भारत में बॉलीवुड फ़िल्में काफ़ी समय से लोगों का मनोरंजन करती आ रही हैं. इनमें से कुछ हंसाती हैं, कुछ रूलाती हैं, तो कुछ जरूरी संदेश भी देती हैं. मूवी आप देखते ही होंगे, इनमें दिखाए जाने वाले कई सीन ऐसे होते हैं, जिसे देखने के बाद लगता है, अरे ऐसा तो हम भी समझते है. आज हम आपको बताते हैं, फ़िल्मों के कुछ ऐसे Scenes के बारे में, जिन्हें हम अपनी ज़िंदगी का हिस्सा मान चुके हैं.

1. मारुति वैन Kidnapping के लिए होती है.

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80-90 के दशक में बॉलीवुड फ़िल्मों में अकसर जब गुंडे किसी को kidnap करते थे, तो उसे मारुति वैन में बिठा कर ले जाते थे, जिससे लोगों को लगता था कि ये गाड़ी kidnapping के लिए ही बनी है. इसी वजह से लोगों ने मारुति वैन खरीदना भी बंद कर दिया था.

2. पुलिस कभी Time पर नहीं पहुंचती.

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हिंदी सिनेमा में आमतौर पर ये दिखाया जाता है कि पुलिस कभी-भी मौके पर नहीं पहुंचती है. फ़िल्मों में पुलिस को वारदात होने के बाद आते हुए देखने से लोगों को लगता हैं कि रियल ज़िंदगी में जब उन्हें भी पुलिस की ज़रूरत होगी, तो पुलिस टाइम पर नहीं पहुंचेगी.

3. लावारिस बैग में Bomb होता है.

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जब किसी Movie Scene में किसी जगह पर कोई लावारिस बैग रखा होता है, तो दिखाया जाता है कि उस बैग में Bomb हो सकता है. हर लावारिस बैग में Bomb हो, ऐसा ज़रूरी नहीं है, लेकिन ज़्यादातर लोगों के बीच यही Perception बना हुआ हैं.

4. Bar Girls Characterless होती हैं.

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दुख़ की बात है कि मूवीज़ में Bar Girls को ऐसे दिखाया जाता हैं, जैसे कि वह कोई बुरा काम कर रही हो. इससे दर्शकों को लगता हैं कि Bar में काम करने वाली लड़कियों का चरित्र अच्छा नहीं होता हैं और वो भी रियल लाइफ़ में Bar Girls को Characterless ही समझते हैं. इनके बारे में ऐसी सोच रखना एकदम गलत हैं.

5. सरकारी ऑफ़िस में काम कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है.

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आमतौर पर फ़िल्मों में जब भी किसी किरदार को सरकारी ऑफ़िस में कोई काम कराना होता है, तो दिखाया जाता है कि उसका काम ऑफ़िस का कर्मचारी बिना रिश्वत लिए नहीं करता है. आम ज़िंदगी में भी कुछ लोग इसे सच मान लेते हैं और उन्हें लगता हैं कि अगर सरकारी ऑफ़िस में कोई काम कराना है, तो रिश्वत देनी पड़ेगी, वरना उनका काम नहीं बनेगा.

6. Politicians Corrupt होते है.

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बॉलीवुड फ़िल्मों में Politicians को एक भ्रष्ट आदमी की तरह दिखाया जाता है जो जनता का पैसा गबन कर जाता है. ज़्यादातर मूवी में नेताओं की ऐसी ही Image होने से लोगों को लगता हैं कि सभी नेता भ्रष्ट होते हैं और जनता से धोखा करते हैं.

7. जलते दीये का बुझना अपशगुन माना जाता है.

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आपने कई फ़िल्मों में देखा होगा कि जलते हुए दीये का बुझना अपशगुन माना जाता है. इससे प्रभावित होकर डेली लाइफ़ में आम लोगों ने भी यही धारणा बना रखी है.

8. जुड़वा इंसानों में किसी एक को मारने पर दूसरे को भी दर्द होता है.

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‘जुड़वा’ फ़िल्म में जब सलमान ख़ान के किसी एक किरदार को चोट लगती थी, तो दूसरे को भी दर्द होता था. कुछ इसी तरह का Perception आम लोगों के बीच भी ऐसी मूवीज़ ने बना दिया है. असल ज़िंदगी में भी लोगों को लगता हैं कि जुड़वा इंसानों में एक को मारने पर दूसरे को दर्द होगा, जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है.

9. बॉलीवुड मूवीज़ में इच्छाधारी नाग-नागिन और उनकी आंख में फ़ोटो का कॉन्सेप्ट.

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बॉलीवुड की कई फ़िल्मों की कहानियों में ढेर सारी शक्तियों वाले इच्छाधारी नाग-नागिन को दिखाया जाता है. साथ ही ये भी दिखाते है कि अगर कोई इंसान किसी नाग या नागिन को मारेगा तो उनकी आंखों में उस इंसान की फ़ोटो आ जाती है. मूवीज़ में इस तरह की चीजें लोगों को काफ़ी पसंद आती है. कुछ लोगों को वाकई में लगता है कि रियल ज़िंदगी में भी इस तरह की चीज़े होती है.

10. खंडहरों और पुरानी हवेलियों में भूत रहते है.

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हिंदी पिक्चरों में खंडहरों और पुरानी हवेलियों को हमेशा इस तरह से दिखाया गया हैं कि इनमें भूत और चुड़ैल रहते हैं. जो लोग इस तरह की ज़्यादा फ़िल्में देखते है, उन्हें भी असल ज़िंदगी में ऐसा ही लगता है और वो ऐसी जगहों पर जाने से डरते हैं.

मूवी से सीखना अच्छी बात होती है लेकिन क्या सीखना है, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए. फ़िल्मों में कुछ Scenes ऐसे होते हैं, जो आम ज़िंदगी से जुड़े तो होते है, लेकिन उसे पर्दे पर उतारते समय कुछ अलग ढंग से दिखाया जाता है. इस अलग ढंग को लोग अपनी ज़िंदगी में उतार लेते है, जो पूरी तरह से ठीक नहीं होता और कभी-कभी यही सब चीज़े हमारे लिए मुसीबत बन जाती हैं.

Feature Image Source : Betazeta