जलवायु परिवर्तन से पूरी दुनिया जूझ रही है. इस बात को कोई झुठला नहीं सकता है. मगर हैरानी वाली बात ये है कि हम सबकुछ जानते हुए भी इसका समाधान नहीं निकाल पाए हैं. हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, हिमालय के ग्लेशियर दोगुनी गति से पिघल रहे हैं. अब एक और ख़बर आई है, जो हमें जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित होने का इशारा कर रही है.

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में कुछ डॉग्स स्लेज़िंग करते दिखाई दे रहे हैं. वैसे तो बर्फ़ीले इलाकों में डॉग्स का स्लेजिंग करना सामान्य बात है, लेकिन ये तस्वीर इस ओर इशारा कर रही है कि हम अपनी धरती को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

दरअसल, ये डॉग्स जिस जगह पर स्लेजिंग कर रहे हैं, वो एक वास्तव में एक बर्फ़ की चादर है, जिसे पिघलना नहीं चाहिए. ग्रीनलैंड से आई इस तस्वीर के बारे में बात करते हुए जलवायु वैज्ञानिक Ruth Mottram ने कहा- ‘इसे देखते हुए लगता है कि हम साल 2012 के आर्कटिक में सबसे कम बर्फ़ वाले रिकॉर्ड को तोड़ने वाले हैं. ये बहुत ही चिंताजनक है. ये तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है क्योंकि ये दिखाती है कि आर्कटिक की बर्फ़ कितनी तेज़ी से पिघल रही है.’

वैसे ये पहला इशारा नहीं है जो प्रकृति हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति चिंतित होने को दे रही है. इससे पहले 18 जून को रूस में एक ध्रुवीय भालू खाने की तलाश में 1500 किलोमीटर दूर Norilsk शहर में पहुंच गया था. जबकि ये भालू बहुत कम चलते-फिरते हैं.
ध्रुवीय भालू अपने भोजन के लिए आर्कटिक समुद्र पर निर्भर होते हैं और यहां की बर्फ़ तेज़ी से पिघल रही है. इसलिए उनके सामने भोजन का संकट उत्पन्न हो गया है.
इसके अलावा हाल ही में भारत से एक हाथी के बच्चे की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हुई थी. ये हाथी कूड़े के ढेर में भोजन को तलाशता दिखाई दे रहा था.
When cities expand, our dump yards also expand. #Forest land seems easy target for them.
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) May 26, 2019
This is what our plastic & other waste is doing to wildlife. A marvellous creature on human waste. PC- TN43 FB. pic.twitter.com/wWzBDmMv4n
ये सभी घटनाएं बताती हैं कि हम अपने धरती रुपी घर को ख़ुद के लिए तो बर्बाद कर ही रहे हैं, बल्कि बेज़ुबान जानवरों के लिए भी बर्दाद करने पर तुले हुए हैं. अगर हम वक़्त रहते जलवायु परिवर्तन को लेकर सीरियस नहीं हुए, तो इसका अंजाम कितना बुरा होगा, ये हम सोच भी नहीं सकते.