‘बॉयज़ लॉकर रूम (bois locker room). ये कहने को तो महज़ एक इंस्टाग्राम ग्रुप है. लेकिन वर्चुअल संसार में बने इस छोटे से ग्रुप ने हमारे दरकते समाज की हक़ीक़त बयां कर दी. दिल्ली बेस्ड इस ग्रुप में वो सारी बातें हो रही थीं, जो अमूमन हमारे आसपास दबी-छिपी ज़ुबान में होती रहती हैं, बस फ़र्क इतना-सा था कि यहां ज़हर उगलने वाले ये काम बड़ी बेशर्मी और गर्व के साथ कर रहे थे. नाबालिक़ लड़कियों का यौन शोषण और रेप की बातें खुलेआम हो रही थीं.
खैर उनकी ये चैट वायरल हो गई. लड़कियों ने ही उनके स्क्रीनशॉट डाले. जिसके बाद भी ये लड़के डरे नहीं बल्क़ि उन लड़कियों को सबक सिखाने के लिए उनकी न्यूड तस्वीरें वायरल करने की तैयारी होने लगी. वो भी सिर्फ़ इसिलए ताकि उनको सबक सिखाया जा सके.
ये कोई पहला वाकया नहीं है, जब हम महिलाओं को या जिनके साथ कुछ ग़लत हुआ, उनको ही सबक सिखाने और दोष देने पर आमादा हो जाते है. ‘भई औरत खुली तिजोरी होती है, खुले में निकलेगी तो लुट ही जाएगी.’ सदियों से हम ज़हर की खेती अपने बच्चों के दिमाग में कर रहे हैं. अब फ़सल सामने है, तो मुंह चुराकर खेत को दोष देने में लग गए हैं.
इस घटना ने एक तरफ़ सड़ चुके समाज तो दूसरी तरफ़ सोशल प्लेटफ़ॉर्म पर होने वाली साइबर बुलिंग का चेहरा भी बेनाकब किया है. भारतीय संविधान के मुताबिक़, साइबर बुलिंग एक दंडनीय अपराध है. इसका मतलब ये है कि सोशल मीडिया पर या ईमेल और एसएमएस के ज़रिए किसी को परेशान करने का कोई भी आक्रामक, जानबूझकर किया गया काम कानून की नज़र में दंडनीय है. हालांकि, बावजूद इसके ये सब धड़ल्ले से जारी है.
ऐसे में अगर आपके साथ भी इस तरह का कोई साइबर अपराध हो, तो आप इन तरीकों को अपनाकर इन घटिया लोगों से निपट सकते हैं.
1.सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट/ ग्रुप की तुरंत रिपोर्ट करें.
पहला क़दम ये होना चाहिए कि आप तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे साइबरबुली को ब्लॉक और रिपोर्ट करें, और अपने दोस्तों से भी अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहें.

2. नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर साइबरबुली के ख़िलाफ़ ऑफ़िशियली शिकायत भी कर सकते हैं.
एक विशिष्ट कॉलम है जहां आप बच्चों और महिलाओं से संबंधित साइबर अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं. यदि आप अपनी पहचना उजागर नहीं करना चाहते हैं, तो आप इस पोर्टल पर गुमनाम रूप से शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

3. यदि आप आधिकारिक तौर पर अकाउंट की रिपोर्ट करने या इसकी प्रक्रिया को लेकर कोई गाइडन्स चाहते हैं, तो राष्ट्रीय साइबर अपराध के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें.
हेल्पलाइन नंबर सुबह 9 से शाम 6 बजे तक एक्टिव रहता है.

आप ट्विटर पर भी संपर्क कर सकते हैं.
Do not trust online users unless you know and trust them in real life. Also do not share your personal information such as address, phone number, date of birth etc. on social media. Identity thieves can easily access and misuse this information.
— Cyber Dost (@CyberDost) February 3, 2020
4. अपने दोस्तों और परिवार को घटना के बारे में सूचित करें और उनसे टच में रहें
साइबरबुलिंग बहुत परेशानी वाली होती है. आपको ऐसा लग सकता है कि आपके माता-पिता आपको नहीं समझेंगे और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के लिए आपको ही दोषी ठहरा देंगे. लेकिन ऐसा नहीं है. आप अगर उन्हें मौका देंगे तब ही तो वो कुछ कर पाएंगे. उन्हें स्थिति की गंभीरता का ज़्यादा अंदाज़ा होगा. इसलिए अपने सिर से बोझ उतारिए और अपने दोस्तों और परिवार से बात कीजिए.

5. सबूत के तौर पर घटना का दिन, तारीख़, समय और डिस्क्रिपशन स्क्रीनशॉट के रूप में सेव रखें.
भविष्य में इस्तेमाल के लिए इन सब चीजों को सेव करने का सबसे आसान तरीका स्क्रीनशॉट है. ये तब बहुत काम आता है, जब आप साइबरबुलिंग की ऑफ़िशियल शिकायत करने जाते हैं.

6. अपने ट्रॉमा से उभरने के लिए प्रोफ़ेशनल हेल्प लेने में कोई बुराई नहीं है.
आप किन चीज़ों से गुज़र रहे हैं, ये आपसे बेहतर न कोई जानता है और न ही कोई दूसरा बता सकता है. अगर आप साइबरबुलिंग का शिकार हैं और बहुत समय तक बातें मन में दबाकर रखते हैं, तो ये आपकी मेंटल हेल्थ के लिए बिल्क़ुल भी ठीक नहीं होगा. सच मानिए अगर आपको कोई भी इससे जुड़ी परेशाना है, तो प्रोफ़ेशनल हेल्प लेने में कोई बुराई नहीं है. ये आपके लिए अच्छा ही रहेगा.

7. अपनी भावनाओं को दबाकर मत रखिए, खुल के बात कीजिए.
याद रखिए साइबरबुलिंग एक आपराधिक काम है. अगर आपने इसे फ़ेस किया है, तो ये सोचकर चुप मत रहिए कि लोग आपको ही दोषी ठहराएंगे. अपने अनुभवों के बारे में खुलकर बात कीजिए. उन लोगों की मदद कीजिए, जो इसका शिकार हुए हैं, क्योंकि आप अकेले नहीं है.

8. सुरक्षित रहने के लिए अपना पासवर्ड बदल दीजिए.
साइबर अपराध से बचने के लिए एहतियातन आप अपना पासवर्ड बदल सकते हैं.

अगर आप किसी घटना की शिकायत करना चाहते हैं, तो यहां क्लिक कर सकते हैं. चीजों का सामना कीजिए, मजबूत बनिए और हमेशा याद रखिए आप अकेले नहीं है.
‘बहुत हैं इस दरिया में डूबने वाले