केजरीवाल ने अपनी साफ़-सुथरी छवि के साथ दिल्ली की राजनीति में एंट्री मारी. केजरीवाल ने भ्रष्टाचार मुक्त आम आदमी पार्टी का गठन किया. साल 2015 में केजरीवाल ने भारी मतों से चुनावी विजयी प्राप्त की और दिल्ली की सत्ता पर कब्ज़ा जमा लिया.

सीएम बनने से पहले उन्होंने जनता के लिए सिर्फ़ काम-काम और काम करने वादा किया था, लेकिन सीएम बनने के बाद उन्होंने सारा ध्यान दो ही कामों में लगाया. एक धरना-प्रदर्शन और दूसरा पीएम मोदी पर आरोप-प्रत्यारोप. 

केजरीवाल अपने वादों और ईमानदार छवि के साथ सत्ता में आए, लेकिन उसके बाद वो अपने ही वादों पर खरे नहीं उतरे. अब आपको बताते हैं, केजरीवाल के उन वादों के बारे में जो उन्होंने सत्ता में आने से पहले किए और उनकी हकीकत क्या है?

केजरीवाल के वादे और हकीकत

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मैं सीएम अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ नहीं हूं. मैं भी उन तमाम लोगों में से एक हूं, जिसको ऐसा लगता था कि केजरीवाल तमाम राजनीतिक पार्टियों से अलग और बेहतर काम करेंगे. एक उम्मीद थी राजनीति में नए बदलाव की, लेकिन अफ़सोस ऐसा नहीं हुआ. आपसे हम सिर्फ़ यही कहना चाहेंगे कि आरोप-प्रत्यारोप से हटकर अगर आप काम पर ध्यान देंगे, तो शायद कुछ अच्छा कर पाएंगे.