किसी से बार-बार ये कहना कि तुमसे नहीं हो पाएगा रहने दो, किसी को हर छोटी बात पर कहना कि तुम ग़लत हो, ये कहना कि तुम्हारी पसंद या जिन चीजों में इंटरेस्ट है वो बकवास हैं.  

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ऐसी कई बातें आपने अक़्सर या तो सुनी होंगी या शायद बोली होंगी. ये सब आप जब बोलते/सुनते हैं तो नॉर्मल लगता है. अगर बहस के बीच में ऐसी बाते हों तो लगता है कि गुस्से में बोल दिया. लेकिन आपको बता दें कि ये और ऐसी ढेर सारी बातें सिर्फ गुस्सा नहीं बल्कि इमोशनल अब्यूज़ है.

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वैसे तो ऐसी बातों की लंबी लिस्ट है. लेकिन फिर भी हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ‘चेक लिस्ट’. अगर आप ऐसी बातें कहते हैं या आपसे कोई ऐसी बातें कहता है तो आपको सतर्क हो जाने की ज़रूरत है.   

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क्या-क्या है इमोशनल अब्यूज़

1. किसी की पर्सनैलिटी के बारे में टिप्पणी करना.

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2. बातचीत के बीच में चीखना, चिल्लाना और चीज़ें फेंकना. 

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3. पैट्रनाइज़िंग: यानि किसी से प्यार से ये बोलना कि तुम कोशिश कर रहे हो मुझे समझने की लेकिन तुम नहीं समझ पाओगे.

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4. पब्लिकली झगड़ा करना.

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5. किसी की बात का तुरंत इंकार कर देना, उस बारे में बात न करना  

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6. किसी के लुक को लेकर टिप्पणी करना.

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7. हर वक़्त धमकी देना कि तुमसे दूर हो जाऊंगी/जाऊंगा

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8. डिसीज़न मेकिंग में अधिकार न देना.

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9. किसी की हर बात पर नज़र रखना.

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10. लगातार कोसना, दोष देना, ताने मारना.

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11. जाति, लिंग, उम्र या व्यक्तिगत बातों का मज़ाक उड़ाना.

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12. किसी से ये कहना कि आपको कोई पसंद नहीं करता. 

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13. जो बात आपको परेशान करती हो उस बारे में या बार बार उस तरह की बातचीत करना.

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14. ईर्ष्या: हर वक़्त किसी पर ये आरोप लगाना कि वो आपसे चीटिंग कर रहा है 

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15. किसी को हर वक़्त Stupid और Loser बताते रहना. कभी उसकी प्रशंसा न करना.

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 16. जब दोनों को मालूम हो कि कोई बात सच है लेकिन उसे झूठा बताना. 

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17. अपने ग़लत व्यवहार को मानने की बजाय सामने वाले को दोष देना.

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18. लड़ाई के बाद बातचीत बंद कर देना.

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19. Sarcasm: किसी पर कोई टिप्पणी करना और कहना कि ऐसा तो मज़ाक में कहा. 

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20. Conversation के बीच से चले जाना. उसे इग्नोर करना.

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21. गिल्ट: एक बार किसी की कोई मदद करना और बार-बार उस पर एहसान जताना और किसी ग़लत काम के लिए गिल्ट में डालना.

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22. कोई आप पर पर्सनल जोक करे और उसके बाद आपको बोले कि आपको Sence Of Humour की समझ नहीं है. 

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23. गुस्से में मोबाइल फ़ोन तोड़ना या घर की चीज़ें तोड़ना और फेंकना. 

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24. लड़ाई को शांत कराने की जगह किसी को बार-बार जताना कि तुमने ही सब किया है. 

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25. किसी के इंटरनेट की हिस्ट्री देखना, कॉल्स ईमेल्स पर नज़र रखना. किसी से उसके मोबाइल के पासवर्ड की डिमांड करना.

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26. जब आप अपने दुख के बारे में बात करें तो जवाब मिलना कि ओवररिएक्ट मत करो. 

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एक कहावत है ‘पहले तोलो फिर बोलो’ ये जिसने भी लिखी थी बहुत सही लिखी थी. क्योंकि जब हम गुस्से में होते हैं, तो कुछ भी बोलते हैं. कैसे भी रिएक्ट करते हैं. जब गुस्सा शांत होता है तो उस इंसान के पास जाकर सॉरी बोल देते हैं. मगर आपका गुस्सा सॉरी से वो भले ही भूल जाएं, लेकिन आप ये कभी मत भूलो कि जो आपने किया वो अब्यूज़ है. वो मेंटल हैरेसमेंट की कैटेगरी में आता है. 

cbc

इस आर्टिकल को लिखने का कारण सिर्फ़ इतना था कि जिन बातों को हम आसानी से बोलकर निकल जाते हैं. उनपर हमें ध्यान देना चाहिए. अपने आस-पास के लोगों को भी बताना चाहिए कि ये ग़लत है.