4 अक्टूबर को देश की पहली प्राइवेट ट्रेन, दिल्ली-लखनऊ, तेजस एक्सप्रेस को लखनऊ से हरी झंडी दिखाई गई. IRCTC ने बताया कि इस ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को मुआवज़ा दिया जाएगा, 1 घंटे से अधिक लेट होने पर 100 रुपये और 2 घंटे से अधिक लेट होने पर 250 रुपये.
ट्रेन में पूरी फ़्लाइट वाली फ़ील है. जैसे फ़्लाइट में अटेंडेंट होती है, वैसे ही इस ट्रेन में भी अटेंडेंट हैं.
जैसा की हर छोटी-छोटी बातों पर लोगों की भौहें सिकुड़ जाती हैं, सोशल मीडिया साइट्स पर लोगों को इतनी बढ़िया सुविधा में भी नुक्स नज़र आने लगे.
Is this a Sanskari sarkaar ?
— Khushi Singh (@KhushiViews) October 6, 2019
Hey @PiyushGoyal, pls don’t force us to do a outrage against this on social media
Pls promote Bharat culture, stop copying west
I request people to force govt for the change 🙏@PMOIndia @PiyushGoyalOffc @IRCTCofficial @RailwaySeva pic.twitter.com/H2zz1YL3Yb
इस ट्विटर यूज़र को अटेंडेंट के साड़ी न पहनने पर आपत्ति हो गई. वैसे तो देश में कई लोगों को ‘लड़कियों’ के अपनी मर्ज़ी से कपड़े पहनने पर आपत्ति है पर यहां लोगों ने हद की भी हद पार कर दी.
इस ट्वीट पर लोगों की कुछ प्रतिक्रिया भी पढ़ लीजिए-
ट्विटर सैनिकों को तेजस एक्सप्रेस के अटेंडेंट्स की यूनिफ़ॉर्म से संस्कृति को ख़तरा महसूस होने लगा. विडंबना तो ये थी कि वेस्टर्न कपड़ों में डीपी लगाकर लोग भारतीय संस्कृति को बचाने की दुहाई दे रहे थे. कुछ अच्छा होता नहीं कि ये तथाकथित संस्कृति के ठेकेदार जो शायद खु़द अपने निजी जीवन में मां-बहन की गाली देते हैं और किसी भी कपड़े में महिलाओं को घूरते होंगे सोशल मीडिया पर ज्ञान बांचते दिखते हैं.
इस महिला को ट्विटर पर लोगों ने लताड़ भी लगाई-