Inspiring Stories Of Athletes: एथलीट्स किसी रियल लाइफ़ सुपरहीरो से कम नहीं होते हैं. देश के लिए मेडल जीतना और देश का नाम रोशन करना ये एथलीट्स का सपना और लक्ष्य होता है. इसके लिए वो दिन-रात कड़ी मेहनत भी करते हैं. पूरे दिन का एक बड़ा हिस्सा इनका प्रैक्टिस में चला जाता है. वहीं, खेल में अव्वल आने के लिए ये अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं. 

वहीं, ये एथलीट्स युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत माने जाते हैं, क्योंकि इनके जीवन का हर एक हिस्सा कुछ न कुछ सीख देता है. हर सफ़ल एथलीट्स के जीवन के कुछ ऐसे प्रेरणादायक किस्सें होते हैं, जो काफ़ी कम लोगों पता होते हैं. कुछ ऐसे ही अनसुने क़िस्सों को हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे है, ताकि आप भी इन्हें पढ़कर भी प्रेरणा ले सकें. 

तो आइये , इसी क्रम में हम नज़र डालते हैं कुछ फ़ेमस एथलीट्स के प्रेरणादायक क़िस्सों (Inspiring Stories Of Athletes In Hindi) पर. 

एथलीट्स के ज़िंदगी के प्रेरणादायक किस्से – Inspiring Stories Of Athletes In Hindi

1. मैरी कॉम (Mary Kom) 

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मैरी कॉम (Inspiring Stories Of Athletes Mary Kom) को 13वें Silesian Open Boxing Tournament में 48 किलो भार की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना था. जब उनका वजन मापा गया, तो वो अनुमान से 2 किलो ज़्यादा था. टूर्नामेंट के लिए क्वालीफ़ाई करने के लिए मैरी कॉम को अपना 2 किलो वजन घटाना था और यदि ऐसा नहीं करतीं, तो वो टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पातीं. जानकर हैरानी होगी कि मैरी कॉम ने महज़ 4 घंटों में रस्सी कूद और एक्सरसाइज़ कर अपना 2 किलो वजन घटाया था. वहीं, Silesian Open Boxing Tournament में मैरी कॉम ने गोल्ड मेडल जीता था. 

2. उसैन बोल्ट (Usain Bolt) 

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2008 में जब उसैन बोल्ट (Inspiring Stories Of Athletes Usain Bolt) ने ओलंपिक में 3 गोल्ड मेडल जीते, तब बोल्ट ने अपने आहार का खुलासा किया था. बोल्ट के अनुसार वो अपने आहार में 100 चिकन नगेट्स, फ़्रेंच फ़्राइज़ और एप्पल पाई का सेवन किया करते थे. जब न्यूट्रिशनिस्ट को ये बात पता चली तब वो इस बात से हैरान हो गए कि एक एथलीट अपने आहार में इतना खा कर गोल्ड मेडल कैसे जीत सकता है. 

3. क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) 

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विश्व प्रसिद्ध फ़ूटबॉल प्लेयर क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Inspiring Stories Of Athletes In Hindi) आम लोगों की तरह 7 से 8 घंटे की नींद लेने बजाय दिनभर में 90-90 मिनट की 5 पावर नैप लेते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे दिमाग़ फ़्रेश रहता है और एकाग्रता बढ़ने में मदद मिलती है.  

4. माइकल फ़ेल्प्स (Michael Phelps) 

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Most Iconic Athletes In The History Of Sports: माइकल फेल्प्स फ़ेमस अमेरिकी तैराक हैं. 2007 में पैर फिसलने से माइकल को चोट लग गई थी, जिससे उनकी दाहिनी कलाई टूट गई थी. डॉक्टरों ने उन्हें 2008 के बीजिंग ओलंपिक में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी. माइकल ने ख़ुद को 2008 में गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य दिया था. दाहिनी कलाई टूटने से माइकल काफ़ी परेशान हो गए, लेकिन ऐसे स्थिती में उन्होंने हार नहीं मानी और हाथों के बजाए पैरों से स्विमिंग करने की प्रैक्टिस शुरू की. इस अभ्यास की बदौलत उनके पैर काफ़ी हद तक मज़बूत हुए, जिससे वो बीजिंग ओलंपिक में 8 गोल्ड मेडल्स जीत कर अपना लक्ष्य पूरा कर सके.

5. मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) 

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Inspiring Comeback Stories Of Athletes Who Never Gave Up: मीराबाई चानू ने बताया कि उन्होंने टोक्यो ओलंपिक मैच के दो दिन पहले कुछ भी नहीं खाया था. इसके पीछे की वजह बताते हुए मीराबाई ने कहा कि उन्हें डर था कि उनका वजन ना बढ़ जाए. इसके अलावा आगे उन्होंने बताया, अभ्यास के दौरान वो घर से बहार थी इसलिए उन्हें 2 साल तक घर का खाना नहीं खाने को मिला. जब वो मेडल जीतने के बाद भारत लौटी तब उन्हें घर का बना खाना खाने को मिला.  

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6. विराट कोहली (Virat Kohli)

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Virat Kohli Success Story In Hindi: 2006 में रणजी ट्रॉफ़ी मैच के दौरान विराट कोहली के पिता का निधन हो गया था. इस घटना के बावजूद उन्होंने खेलने का फ़ैसला किया और मैच में अच्छा खेल खेलकर अपनी टीम को जीत दिलाई. उसके बाद विराट स्टेडियम से सीधा पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचे थे.  

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7. पीवी सिंधु (PV Sindhu)  

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Real Life Motivational Story About Athlete PV Sindhu: पीवी सिंधु अपने खेल बैडमिंटन के लिए इतनी ज़्यादा समर्पित हैं कि उन्होंने इसके लिए अपनी बड़ी बहन पी. दिव्या की शादी को मिस कर दिया था. ये बात है 2012 की जब पी. दिव्या की शादी हो रही थी और उसी समय पीवी सिंधु बैडमिंटन टूर्नामेंट खेल रही थी, जिस वजह से वो अपनी बड़ी बहन की शादी में शामिल नहीं हो पाई थीं.  

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8. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) 

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Why Neeraj Chopra Chose Javelin Throw: कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में नीरज ने बताया था कि उन्होंने जेवलिन थ्रो में करियर करना क्यों तय किया? नीरज ने KBC में बताया, ‘मेरे चाचा हमेशा से मेरे पीछे पड़े रहते थे कि तुझे स्पोर्ट्स में जाना है. उस वक़्त मेरी उम्र 13-14 साल होगी और मैं ओवरवेट था. चाचा ने जब मुझे स्टेडियम भेजा, तो मुझे उस वक़्त ऐसा लग रहा था कि मैं स्पोर्ट्स में नहीं जा पाऊंगा. मैं बस से स्टेडियम जाता था. वो बस स्टेडियम से 2 किमी पहले रुकती थी, जिसके बाद मैं वहां से पैदल चलकर स्टेडियम जाया करता था. 


मैंने स्टेडियम में अपने सीनियर्स को जेवलिन थ्रो करते देखा. मुंझे ये देखकर अच्छा लगा और मैने इसे ट्राई करना चाहा. मैंने जेवलिन थ्रो किया और मुझे सच में बड़ा मज़ा आया. वहीं, मेरे एक सीनियर को लगा कि मेरा थ्रो अच्छा है और मुझे इसे ज्वाइन करना चाहिए. मुझे पता ही नहीं कैसे ये मुझे इतना पसंद आने लगा गया और मैं इस स्पोर्ट को खेलते चला गया.” 

ये थे 8 सफ़ल एथलीट्स की ज़िंदगी के अनसुने क़िस्से (Inspiring Stories Of Athletes In Hindi), जिन्हें शायद आपने पहली बार सुना होगा.  

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