क्रिकेट(Cricket) की दुनिया में Stumps बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. तीन स्टंप्स मिलकर विकेट बनाते हैं और दो विकेट्स के बीच में ही क्रिकेट का गेम खेला जाता है. Stumps को आपने अकसर किसी मैच या सीरीज़ को जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को उखाड़ कर अपने साथ ले जाते हुए देखा होगा. 

क्रिकेटर्स ऐसा क्यों करते हैं क्या आजकल जो लेटेस्ट LED Stumps इस्तेमाल हो रहे हैं, उन्हें भी खिलाड़ी अपने साथ ले जा सकते हैं, Stumps से जुड़े कुछ ऐसे ही मज़ेदार सवालों के जवाब हम अपने क्रिकेट फ़ैंस के लिए लेकर आए हैं. चलिए जानते हैं लकड़ी से बनी इन कमाल की विकटों के बारे में जिनके ईर्द-गिर्द ही मैदान में खिलाड़ी डटे नज़र आते हैं. 

ये भी पढ़ें:  क्रिकेट इतिहास के वो 10 यादगार लम्हें, जिनके बारे में हर क्रिकेट फ़ैन को जानना चाहिए 

पहले दो ही स्टंप की विकेट होती थी

wikimedia

पहले जान लेते हैं स्टंप के इतिहास के बारे में. शुरुआत में दो ही स्टंप की विकेट हुआ करती थी. दोनों तरफ इन्हें ही लगाकर खेल खेला जाता था. मगर 1775 में एक मैच के दौरान एक बॉलर की गेंद 3 बार दोनों स्टंप्स के बीच से निकल गई और बेल्स गिरी ही नहीं. तब इस परेशानी से बचने के लिए तीसरे स्टंप को विकेट में जगह दी गई. इन दोनों के बीच दो छोटी सी बेल्स रखी जाती हैं, जो थोड़ी सी भी हरकत होते ही गिर जाती हैं. इन दिनों लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस LED Stumps की मदद से मैच खेले जाते हैं.

ये भी पढ़ें:  टेस्ट क्रिकेट इतिहास का वो मैच, जिसमें सिर्फ़ दो पारियों में ही बन गए थे 1489 रन

क्यों क्रिकेटर्स स्टंप उखाड़ कर ले जाते हैं?

deccanchronicle

अब जानते हैं कि क्रिकेटर्स आख़िर क्यों स्टंप उखाड़ अपने साथ ले जाते हैं. इसका जवाब यादों से जुड़ा है. दरअसल, किसी महत्वपूर्ण मैच या सीरीज़ में जब कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसके लिए वो पल बहुत ही यादगार होता. जैसे बेस्ट स्कोर बनाना या फिर बेस्ट बॉलिंग फ़िगर्स बनाना, या कोई बड़ी सीरीज़ जीतना आदि. 

blogspot

इन्हीं यादों को समेट कर हमेशा के लिए अपने पास रखने के लिए ही क्रिकेटर्स स्मृति चिन्ह के रूप में स्टंप्स को उखाड़ अपने साथ ले जाते हैं. इंडियन टीम के पूर्व कप्तान कैप्टन कूल धोनी को भी इन्हीं स्टंप्स को अपने घर ले जाने का शौक़ है. 

धोनी क्यों Stumps कलेक्ट करते हैं?

medium

एक बार जब उनसे पूछा गया कि आख़िर वो इन स्टंप्स का करेंगे क्या? तब इसके जवाब में एम.एस. धोनी ने कहा था- ‘ये मेरे रिटायरमेंट प्लान का हिस्सा हैं. जो स्टंप्स मैं लेकर जाता हूं उन पर मैंने कोई लेबलिंग नहीं की है कि कौन-सा स्टंप किस मैच का है. जब मैं रिटायर हो जाऊंगा तो इन मैच के पुराने वीडियो को ध्यान से देखूंगा और Sponsors के Logo को मैच कर इनकी पहचान करुंगा. ये क्रिकेट से रिटायर होने के बाद मेरा टाइम पास होगा.’

LED Stumps की क्या क़ीमत है?

deccanchronicle

अब आपको बताते हैं कि क्या आजकल जो LED Stumps इस्तेमाल हो रहे हैं उन्हें घर ले जाने की क्रिकेटर्स को छूट है कि नहीं? इसका जवाब है नहीं. आजकल स्टंप्स में माइक, कैमरा और LED लाइट्स का इस्तेमाल हो रहा है. इनकी मदद से विकेट गिरने पर कोई विवाद होने पर अंपायर्स को उसे हल करने में मदद मिलती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन स्टंप्स की क़ीमत लगभग 25-30 लाख रुपये होती है. इसलिए अब इन्हें खिलाड़ियों को देना पॉसिबल नहीं है. 

चलते-चलते आपको बता दें कि, LED Stumps की खोज ऑस्ट्रेलिया के इंजीनियर Bronte EcKermann ने की थी.