भारतीय बैडमिंटन के इतिहास में कल का दिन यादगार रहा. इंडिया के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन(Lakshya Sen) ने इंडिया ओपन 2022 के फ़ाइनल में विश्व चैंपियन लोह कीन यीव(Loh Kean Yew)  को हराकर ख़िताब अपने नाम कर लिया. 

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लक्ष्य ने ये मैच 24-22, 21-17 से अपने नाम किया. ये उनका पहला World Tour 500 चैंपियनशिप ख़िताब है. इसके साथ ही वो ये ख़िताब जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए. उनसे पहले 1981 में प्रकाश पादुकोण और 2015 में किदांबी श्रीकांत ये ख़िताब जीते थे. 

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लक्ष्य ने पिछले साल ही विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. मजे़े की बात ये है कि पिछले साल डच ओपन के फ़ाइनल में Loh Kean Yew ने लक्ष्य को हराया था. इस बार लक्ष्य ने उन्हें हराकर मामला बराबर कर दिया. ये ख़िताब जीतने के बाद से ही लक्ष्य सोशल मीडिया से लेकर अख़बारों की हेडलाइंस में छाए रहे. 

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सोशल मीडिया पर तो लगातार ये जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आख़िर लक्ष्य सेन कौन हैं, जिन्होंने 20 साल की उम्र में इतिहास रच डाला. चलिए आपको मिलवाते हैं इंडिया के नए गोल्डन बॉय लक्ष्य सेन से.   

उत्तराखंड के रहने वाले हैं लक्ष्य सेन

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लक्ष्य उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले हैं. वो एक बैडमिंटन स्टार्स की फ़ैमिली से ताल्लुक रखते हैं. उनके दादा सी.एल. सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है. उन्होंने कुछ दशक पहले अल्मोड़ा में बैडमिंटन की शुरुआत की थी. अल्मोड़ा ज़िले के रस्यारा गांव के तिलकपुर मोहल्ले में स्थित उनके घर में बना बैडमिंटन का कोर्ट लक्ष्य सेन के दादाजी द्वारा ने ही बनाया. इसी कोर्ट में दिन-रात मेहनत कर लक्ष्य सेन ने आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं.

पिता हैं बैडमिंटन कोच

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यही नहीं उनके पिता डी.के. सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और नेशनल लेवल के कोच भी हैं. वर्तमान में वो प्रकाश पादुकोण अकादमी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उनके भाई चिराग सेन ने भी इंटरनेशनल स्तर पर बैडमिंटन खेला है. लक्ष्य की मां एक टीचर हैं. लक्ष्य ने पिता की देखरेख में ही बैडमिंटन खेलना शुरू किया था. वो 4 साल की उम्र से स्टेडियम जाने लगे. 

 बचपन में ही अपनी प्रतिभा से कर दिया था सबको हैरान

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6-7 साल की उम्र में ही लक्ष्य का खेल और उसकी प्रतिभा हर किसी को हैरान करने लगी थी. बेटे को बैडमिंटन की अच्छी कोचिंग देने के लिए उनके पिता अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे. यहां ट्रायल्स में लक्ष्य ने प्रकाश पादुकोण को हैरान कर उनकी एकेडमी में दाखिला लिया था. उन्होंने नेशनल लेवल पर कई जूनियर चैंपियनशिप अपने नाम की थी. इनमें U13, U15 और U19 का ख़िताब शामिल है. जब वो 15 साल के थे तभी लक्ष्य सेन ने अंडर 19 का ख़िताब जीत लिया था.  

2018 में जीती थी Asian Junior Championship 

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इसके बाद वो 2016 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर लौटे थे. 2017 में इन्होंने BWF लेवल के India International Series और The Eurasian Bulgarian Open को जीत लोगों को हैरान कर दिया था. 2018 में Asian Junior Championship जीतकर इन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था.  

लक्ष्य का अगला लक्ष्य

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तीन साल बाद यानी 2021 में इन्होंने BWF World Championship में कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास रचा था. बैडमिंटन में किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य ही हैं जिन्होंने ये पुरुषों में वर्ल्ड चैंपियनशिप 2021 में मेडल जीते थे. लक्ष्य का अगला लक्ष्य ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट जीतना है जो इसी साल मार्च में होना है.  

लक्ष्य को हमारी पूरी टीम की तरफ से बेस्ट ऑफ़ लक.