Mohammed Shami Opens About His Knee Injury During World Cup : ‘हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा‘…, ये कहावत आपने सुनी ही होगी. इसका मतलब होता है कि जो इंसान हिम्मत रखते हैं यानी कोशिश करना नहीं छोड़ते उनकी खुदा भी मदद करता है. इस बात का सटीक उदाहरण हैं भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी (Mohammed Shami). हां, वही शमी जिसने वर्ल्ड कप के शुरुआती चार मैचों से बाहर रहने के बाद अपने पांचवे मैच में ऐसा कमाल दिखाया कि दोबारा कप्तान का उनको स्क्वाड में ना शामिल करने का ख्याल आया ही नहीं. शमी ने सात मुकाबलों में 24 विकेट चटकाए, जिससे उनकी वाहवाही हर जगह हो रही है.

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अब तक इस तेज़ गेंदबाज़ के बारे में काफ़ी कुछ लिखा और पढ़ा जा चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं बैट्समैन को अपनी उंगलियों पर नचाने वाले शमी 2015 वर्ल्ड कप में टूटे हुए घुटने के साथ खेले थे? हाल ही में उन्होंने अपने इंटरव्यू में इस बात का ख़ुलासा किया था. आइए आपको इस बारे में बताते हैं.

‘माही भाई और डॉक्टर ने कहा था ऑपरेशन करवा लो’

दरअसल, हाल ही में अपने इंटरव्यू में मोहम्मद शमी ने 2015 वर्ल्ड कप के बारे में बात करते हुए बताया, “”हम उस समय करीब साढ़े चार महीने तक ऑस्ट्रेलिया में थे. हमने वनडे, टेस्ट और टी-20 मैचों की सीरीज़ खेली थी. इस दौरान पहले ही टेस्ट मैच में मेरे घुटने में सूजन आ गई थी. बाद में ये बढ़ती गई.” उन्होंने आगे बताया, “इसके चलते दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाया था. आगे जब तक वर्ल्डकप आया मेरे घुटने की हालत बहुत खराब हो गई थी. सच पूछेंगे तो कोई और होता तो नहीं खेलता. लेकिन मैं उतना दर्द झेल सकता हूं. मैं वो बर्दाश्त कर पाया. डॉक्टर और माही भाई ने एक ही सवाल किया था, ‘या तो जाकर ऑपरेशन करा लो या वर्ल्डकप खेलने के बाद ऑपरेशन कराओ? डॉक्टर के मुताबिक ऑपरेशन तो कराना ही थी.”

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‘मैच के बाद टीम होटल जाती थी और मैं अस्पताल जाता था’

उन्होंने कहा, “डाक्टरों ने यहां तक कह दिया था कि अगर वर्ल्डकप खेला तो दर्द तो बहुत ज्यादा होगा. इस पर मैंने एक ही बात पूछी कि ये घुटना बीच में तो साथ नहीं छोड़ देगा? अगर टूट भी जाए तो बीच वर्ल्डकप में ऐसा नहीं होना चाहिए, वर्ल्डकप खत्म हो जाए फिर जो हो. जवाब में डॉक्टर ने कहा था घुटना बीच में साथ नहीं छोड़ेगा, ये हमारी गारंटी है. जवाब सुन मैंने कहा था दर्द की कोई चिंता नहीं” शमी ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया, “आगे मैं मैच खेलता था. मैच के बाद टीम होटल जाती थी. मैं अस्पताल जाता था. हर मैच के बाद इंजेक्शन लगवाता था. किसी को नहीं पता था कि मैं कितना दर्द झेल रहा हूं. पूरे वर्ल्डकप में ठीक रहा, लेकिन सेमी-फाइनल में पांच ओवर डालने के बाद मेरे पैर में कुछ भी फील होना बंद हो गया. मेरा पैर नंब हो गया था. मैं बाहर गया, फिर से इंजेक्शन लिया, और वापस आकर गेंदबाजी की.”

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वर्ल्ड कप के बाद कराया था ऑपरेशन

उन्होंने अपने ऑपरेशन के बारे में बात करते हुए कहा, “वर्ल्ड कप के बाद मेरे घुटने का ऑपरेशन हुआ. मैं दो घंटे तक बेहोश था. जब मैं उठा तो डॉक्टर्स से पूछा कि मैं कब खेलना शुरू कर सकता हूं. उन्होंने कहा कि अगर बिना लंगड़ाए चलने लगे तो भी यह तुम्हारी लिए उपलब्धि ही होगी, खेलना तो भूल जाओ. ये सब इस पर निर्भर करता है कि तुम कितनी तेज़ी से उबरते हो.” साल 2015 के बाद से शमी ने ज़ोरदार कमबैक किया. उनका इसके बाद का सफ़र किसी फ़िल्मी स्क्रिप्ट सा लगता है.

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