Timeless Test: क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है ये हम सभी भलीभांति जानते हैं. क्रिकेट के मैदान पर कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है. जीत की ओर बढ़ रही टीम कब हार की कगार पर पहुंच जाय इसका अंदाज़ा किसी को भी नहीं होता है. इसी में तो क्रिकेट का असली रोमांच है. आप सभी जानते ही होंगे कि इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट 3 फ़ॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी-20 में खेली जाती है. टेस्ट मैच 5 दिन तक खेला जाता है. इस दौरान प्रतिदिन अधिकतम 90 ओवर फ़ेंके जाते हैं. वनडे क्रिकेट में 50-50 ओवर का खेल होता है. जबकि टी-20 क्रिकेट में 20-20 ओवर की क्रिकेट खेली जाती है.
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टेस्ट फ़ॉर्मेट क्रिकेट का सबसे बेहतरीन फ़ॉर्मेट माना जाता है. हर क्रिकेटर अपने देश के लिए एक बार टेस्ट मैच खेलने का सपना देखता है, लेकिन किसी-किसी के ही सपने पूरे हो पाते हैं. टेस्ट क्रिकेट असल में क्रिकेटर की अग्नि परीक्षा के तौर पर भी जाना जाता है. वर्तमान में टेस्ट क्रिकेट 5 दिन का खेला जाता है. 5 दिन खेलने के बाद भी मैच का रिजल्ट न निकले तो मैच ड्रा हो जाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे टेस्ट मैच के बारे में बताने जा रहे हैं जो पूरे 12 दिन तक खेला गया और अंत में बेनतीजा रहा.
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‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज
हम जानते हैं आप हमारी इस बात पर ज़रा भी यकीन नहीं कर पा रहे होंगे, लेकिन ये 100 फ़ीसदी सच है. इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसा हो चुका है, जब 1 टेस्ट मैच पूरे 12 दिन तक खेला गया और अंत में बेनतीजा रहा. इस मैच का नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में भी दर्ज है. इंटरनेशनल क्रिकेट में इस टेस्ट मैच को Timeless Test के नाम से जाना जाता है. आज के दौर में टेस्ट मैच चाहे कितना भी रोमांचक क्यों न हो, मैच को 5 दिन ज़्यादा खेलने की अनुमति नहीं दी जाती है. हालांकि, ‘वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप’ के दौरान ‘रिज़र्व डे’ का ऑप्शन ज़रूर रखा गया है. लेकिन इस मैच में ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से ये मैच 12 दिन तक चला?
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आइये जानते हैं ये अनोखा मैच कब, कहां और किन दो टीमों के बीच खेला गया था?
आख़िर 9 दिन तक क्यों चला ये मैच?
विश्व क्रिकेट इतिहास का ये अनोखा टेस्ट मैच सन 1939 में इंग्लैंड और ईस्ट अफ़्रीका के बीच खेला गया था. ईस्ट अफ़्रीका को अब साउथ अफ़्रीका का नाम से जाना जाता है. बात सन 1939 की है. इंग्लैंड की टीम 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ खेलने ईस्ट अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका) के दौरे पर थी. इस दौरान दोनों टीमों के बीच सीरीज़ का आख़िरी मैच डर्बन के किंग्समीड मैदान पर 3 मार्च 1939 से 14 मार्च 1939 के बीच खेला गया. ये मैच ड्रॉ रहा था. इसके साथ ही इंग्लैंड 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ में 1-0 से विजयी रहा.
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Timeless Test
ये मैच 3 मार्च 1939 से 14 मार्च 1939 के बीच खेला गया. इसमें 5 मार्च और 12 मार्च को ‘रेस्ट डे’ रखा गया था. जबकि 11 मार्च को बारिश की वजह से मैच नहीं हो पाया था. इस तरह से इस टेस्ट मैच में 9 दिन का ही खेल हो सका. इस बीच केवल 43 घंटे और 16 मिनट का ही खेल हो पाया. इस दौरान दोनों टीमों ने 4 परियों में मिलकर कुल 1,981 रन बनाये. इस दौरान 5,447 गेंदें फेंकी गयी थीं. (Timeless Test – England vs East Africa)
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कैसा था मैच का स्कोरकार्ड
ईस्ट अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया. इस दौरान अफ़्रीकी टीम ने अपनी पहली पारी में 530 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसमें पीटर वैन डेर बिजल (125) और डुडले नोर्स (103) शीर्ष स्कोरर रहे. इस दौरान गेंदबाज़ी में इंग्लैंड के रेग पर्क्स ने सर्वाधिक 5 विकेट झटके. इसके जवाब में इंग्लैंड अपनी पहली पारी में केवल 316 रनों पर सिमट गया. इस तरह से अफ़्रीकी टीम को 214 रनों की बढ़त मिली.
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ईस्ट अफ़्रीका (साउथ अफ़्रीका) ने अपनी दूसरी पारी में 481 रन बनाये और इंग्लैंड के सामने 696 रनों का लक्ष्य रखा. इस विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने पूरे 6 दिन तक बैटिंग की. इन 6 दिनों में 2 दिन कोई खेल नहीं हो सका. इसके बाद इंग्लैंड ने 14 मार्च तक 5 विकेट खोकर 654 रन बना लिए थे और उसे जीत के लिए मात्र 42 रन चाहिए थे, लेकिन बारिश की वजह से मैच फिर से रुक गया. (Timeless Test – England vs East Africa)
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इंग्लैंड की टीम इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेती, लेकिन उन्हें घर जाने की जल्दी थी. दरअसल, उस दौर में फ़्लाइट नहीं हुआ करती थी. केवल एक नियत समय पर शिप चला करती थीं. इंग्लैंड की टीम पहले से ही लेट थी. इसलिए टीम ने लक्ष्य का पीछा करने के बजाय पानी वाले जहाज से घर निकल जाना बेहतर समझा. इस तरह से ये टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त हो गया. (Timeless Test – England vs East Africa)
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