‘फ़र्श से अर्श’ तक पहुंचने की कहानियां आपने कई बार पढ़ी और सुनी होंगी, क्योंकि ये कहानियां हमें मोटिवेट करती हैं. लेकिन ‘अर्श से फ़र्श’ की कहानी हर इंसान को अचंभित कर देती है. ऐसी ही एक कहानी है क्रिकेट अंपायरिंग के उस सितारे की, जो आज से 10 साल पहले तक क्रिकेट मैदान पर राज करता था. जो अपने एक इशारे पर दुनिया के बड़े से बड़े क्रिकेटर को धराशायी कर देता था. हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेट अंपायर असद रऊफ़ (Asad Rauf) की.

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एक दौर था जब इंटरनेशनल क्रिकेट में पाकिस्तानी अंपायरों अलीम दार और असद रऊफ़ की तूती बोलती थी. अलीम दार आज भी Elite Panel of ICC Umpires में शामिल हैं, लेकिन असद रऊफ़ (Asad Rauf) आज कहां हैं और क्या कर रहे हैं, ये कोई नहीं जनता. असद रऊफ़ को अंपायरिंग छोड़े क़रीब 10 साल बीत चुके हैं. इन 10 सालों में असद की ज़िंदगी ‘अर्श से फ़र्श’ पर पहुंच चुकी है.

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आईपीएल स्पॉट फ़िक्सिंग ने डुबाई नैया

साल 2013 के आईपीएल (IPL) में हुई स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में असद रऊफ़ (Asad Rauf) का नाम भी शामिल था. इस दौरान मुंबई पुलिस की चार्जशीट में उनका नाम ‘वांटेड’ लोगों की सूची में था. ये पहला मौका था जब ‘Elite Panel’ में शामिल किसी अंपायर का नाम फ़िक्सिंग में सामने आया था. इसके बाद उन्हें जून 2013 में होने वाली ‘चैंपियंस ट्रॉफ़ी’ से भी बाहर कर दिया गया था. किसी अंपायर का फ़िक्सिंग के आरोपों में घिरने के बाद आईसीसी के टूर्नामेंट से बाहर करने का ये पहला मौक़ा था.

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साल 2016 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने असद रऊफ़ (Asad Rauf) पर भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के आरोप में 5 साल के प्रतिबंध लगाया था. इसके बाद आईसीसी (ICC) ने भी ‘Elite Panel’ से असद की छुट्टी कर दी थी.

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‘रंगीन मिजाजी’ के लिए चर्चा में आए थे रऊफ़

मैदान में स्पॉट फ़िक्सिंग के कारण प्रतिबंध झेलने वाले असद रऊफ़ (Asad Rauf) पहले भी विवादों में रहे हैं. साल 2012 में मुंबई की एक मॉडल लीना कपूर ने उन पर यौन शोषण और शादी का झांसा देने का आरोप लगाया था. शुरुआत में रऊफ़ ने लीना को पहचानने से इंकार कर दिया था, लेकिन तस्वीरें सामने आने के बाद उन्होंने लीना से दोस्ती की बात कबूल ली थी. इस दौरान ICC ने असद रऊफ़ को वॉर्निंग भी दी थी.

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अब कहां हैं और क्या कर रहे असद रऊफ़?

असद रऊफ़ (Asad Rauf) ने 2000 से 2013 के बीच 170 इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग की थी. इसमें 49 टेस्ट, 98 वनडे और 23 टी20 मैच शामिल हैं. इस दौरान वो आईसीसी अंपायरों के ‘Elite Panel’ का हिस्सा हुआ करते थे. साल 2022 में वही असद रऊफ़ लाहौर के ‘लांडा बाज़ार’ में जूतों की दुकान चलाने को मजबूर हैं. स्पॉट फ़िक्सिंग बैन के बाद से वो पिछले 10 सालों से इंटरनेशनल क्रिकेट से भी दूर हैं.

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लाहौर के लांडा बाज़ार में स्थित असद रऊफ़ (Asad Rauf) की ये दुकान केवल जूते ही नहीं, सस्ते कपड़े और अन्य सामान के लिए भी प्रसिद्ध है. इसके अलावा ये दुकान सेकंड हैंड आइटम्स के लिए भी मशहूर है. असद रऊफ़ ये काम अपनी ज़रूरतों के लिए नहीं, बल्कि अपने कर्मचारियों की ज़रूरतों के लिए कर रहे हैं.

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पाकिस्तानी टीवी चैनल Paktv.tv से बातचीत में असद रऊफ़ ने कहा, साल 2013 के बाद से मैंने क्रिकेट से पूरी तरह से दूरी बना ली है… क्योंकि मैं जो काम एक बार छोड़ता हूं उसे फिर हमेशा के लिए छोड़ ही देता हूं. क्रिकेट में अब मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं अब बस एक आम इंसान की तरह जीवन जीना चाहता हूं.