अनजाने में अक्सर इंसान के हाथों मज़ाकिया, तो कई ख़तरनाक हादसे हो जाते हैं. वहीं, कई बार मोह के चक्कर में भी इंसान ऐसी ग़लती कर बैठता है. कुछ ऐसी ही एक घटना हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं. वैसे क्या हो अगर कोई इंसान अनजाने में किसी जंगली जानवर को अपने घर ले आए? एक ऐसी ही घटना हाल ही में घटी है, जब एक व्यक्ति अनजाने में अपने घर तेंदुए को ले आया. आइये, जानते हैं क्या है पूरा मामला. 

घर ले आया तेंदुए के बच्चे

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ये घटना धार (मध्य प्रदेश) के निसरपुर के बाजरीखेड़ा गांव की है. जानकारी के अनुसार, बाजरीखेड़ा गांव एक किसान किरण गिरी को उसके गन्ने के खेत में दो जानवर के बच्चे दिखाई दिए. उसे लगा कि ये बिल्ली के बच्चे हैं, तो वो उन्हें अपने घर ले आया, ये सोचकर कि कहीं इन बच्चों को कोई नुकसान न पहुंचा दे और ठंड का मौसम वैसी ही है. 

कहते हैं कि उस किसान ने तीन दिन उन बच्चों की जमकर सेवा की. दूध पिलाया, नहलाया व गर्म कपड़े भी ऊपर से ढके. लेकिन, चौथे दिन उनमें से एक बच्चा गुर्राया, तो किसान के होश उड़ गए. उसे क्या पता था कि जिन्हें वो बिल्ली के बच्चे समझ रहा है, वो असलियत में तेंदुए के बच्चे हैं.   

वन विभाग को किया फ़ोन      

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कहते हैं कि जानवर के बच्चे घर लाने से पहले किसान ने वन विभान को इस बारे में बताया था, लेकिन वहां जंगली बिल्ली के बच्चे बोलकर बात को टाल दिया गया था. इसके बाद ही किसान इन्हें अपने घर लाया था. वहीं, जब गुर्राने की बात सामने आई, तो बाजरीखेड़ा गांव के लोग बच्चों को लेकर निसरपुर चौकी पहुंचे, जहां फ़ोन के ज़रिए वन विभाग को सूचित किया गया. 

वहीं, वन विभाग के अफ़सरों ने ये बात स्वीकार की कि ये बच्चे तेंदुए के हैं. बच्चों का मेडिकल टेस्ट कराया गया, जिससे ये पता चला कि इनमें एक नर है और दूसरी मादा. वहीं, माना जा रहा है कि जब इन तेंदुए के बच्चों को नेशनल पार्क में लाया गया, तो कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई थी.  

पहले भी घट चुकी है ऐसी घटना

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ऐसा एक मामला पहले भी देखा गया है जब एक 6 साल का लड़का बिल्ली के बच्चे समझकर दो तेंदुए के बच्चे घर ले आया था. वो कुछ दिनों तक उनके साथ खेला भी था. लेकिन, बाद में जब राज़ खुला, तो वन विभाग को सूचित कर तेंदुए के बच्चे उन्हें सौंपे गए. ये घटना आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की थी.