Airavatesvara Temple in Tamilnadu Have Singing Steps: देवों के देव महादेव सर्वोच्च शक्ति हैं, जिनकी महिमा अपरंपार है. उनसे न सिर्फ़ शैतान बल्कि बाकी देव भी डरते हैं. जब-जब देवताओं पर संकट छाया, उन्होंने भगवान शिव की शरण ली. इसलिए, भगवान शिव सबसे ऊपर माना गया है. पूरे भारतवर्ष में महादेव की पूजा की जाती है और यही वजह है कि आपको देश के हर कोने में महादेव के मंदिर (Old Shiva Temple in India) मिल जाएंगे. अधिकांश मंदिर नए हैं, जबकि बहुत से ऐसे मंदिर हैं, जिनका अस्तित्व वर्षों पुराना है.
आइये, अब जानते हैं विस्तार से इस प्राचीन मंदिर (Airavatesvara Temple in Tamilnadu Have Singing) Steps के बार में.
भगवान शिव को समर्पित ऐरावतेश्वर मंदिर
Airavatesvara Temple in Tamilnadu Have Singing Steps : हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसका नाम है ऐरावतेश्वर मंदिर जो कि दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के कुंभकोणम से क़रीब 3 किमी की दूरी पर स्थिति है. ये मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है और इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था. ये मंदिर (Old Shiva Temple in India) न सिर्फ़ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि ये प्राचीन वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है. मंदिर की आकृति और अंदर बने विभिन्न डिज़ाइन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करते हैं.
किसने बनाया था ये प्राचीन मंदिर?
Airavatesvara Temple in Tamilnadu Have Singing Steps : जैसा कि हमने बताया कि ये एक प्राचीन मंदिर (Old Shiva Temple in India) है, जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था. इतिहास पर गौर करें, तो पता चलता है कि इस विशाल और अद्भुत मंदिर को राजा राज चोल द्वितीय ने बनवाया था.
कैसे पड़ा मंदिर का नाम ऐरावतेश्वर?
इस मंदिर में भगवान शिव को ऐरावतेश्वर के नाम से पूजा जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां इंद्र देव के सफ़ेद हाथी ऐरावत ने महादेव की पूजा की थी. हाथी के नाम से ही इस प्राचीन मंदिर का नाम ऐरावतेश्वर पड़ा.
आकर्षक नक्काशी और वास्तुकला के लिए भी है प्रसिद्ध
Airavatesvara Temple in Tamilnadu Have Singing Steps : भगवान शिव (Old Shiva Temple in India) का ये मंदिर कला और वास्तुकला का भंडार है, जहां उत्कृष्ट पत्थर की नक्काशी देखी जा सकती है. माना जाता है कि इस मंदिर को द्रविड़ शैली में बनवाया गया था. इस प्राचीन मंदिर में रथ की संरचना शामिल है और साथ ही प्रमुख वैदिक और पौराणिक देवता जैसे इंद्र, अग्नि, वरुण, वायु, ब्रह्मा, सूर्य, विष्णु, सप्तमत्रिक, दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, गंगा, यमुना, सुब्रह्मण्य व गणेश शामिल हैं. हालांकि, समय के साथ मंदिर के कुछ हिस्से टूट गए हैं, जबकि बाकी हिस्से अपने मजबूत आधार के साथ आज भी खड़े हैं.
मंदिर की सीढ़ियों से निकलता है संगीत
एक ख़ास चीज़ जो इस मंदिर को सबसे अलग और अनोखा बनाने का काम करती है, वो हैं यहां की सीढ़ियां. मंदिर के प्रवेश द्वार के पास (Agra Mandapa) एक पत्थर की सीढ़ी बनी हुई है, जिसका हर एक स्टेप अलग-अलग ध्वनि निकलाने का काम करता है.