How Is The Dalai Lama Chosen : बहुत लोग ‘दलाई लामा’ को एक नाम के तौर पर जानते हैं, लेकिन ये एक नाम नहीं, बल्कि तिब्बत के सबसे बड़े आध्यात्मिक गुरु और Tibetan Buddhism के प्रमुख को दी जाने वाली पदवी है. ये पदवी अब तक 14वें आध्यात्मिक गुरुओं को मिल चुकी हैं. वहीं, तिब्बत के 14वें ‘दलाई लामा’ ‘तेनजिन ग्यात्सो’ हैं. वैसे बता दें कि तिब्बत के दलाई लामा चुनने के लिए न ही इलेक्शन करवाए जाते हैं और न कोई इससे जुड़ी कोई वंश परंपरा है, तो फ़िर कैसे चुने जाते हैं तिब्बत के दलाई लामा. इस ख़ास लेख में हम इसी विषय में आपको जानकारी देंगे. 

वहीं, आपका ये भी जानना ज़रूरी है कि चीन और तिब्बत में अगले दलाई लामा के चुनाव को लेकर तनातनी जारी है. तिब्बत अपनी पारंपरिक प्रक्रिया के ज़रिए दलाई लामा को चुनने की प्रक्रिया जारी रखना चाहता है, तो वहीं चीन चाहता है वो किसी अपने ख़ास को तिब्बत का दलाई लामा बनाए. हालांकि, वर्तमान में ‘तेनजिन ग्यात्सो’ ही दलाई लामा के पद पर बने हुए हैं.

आइये, अब विस्तार से जानते हैं कि कैसे चुने जाते हैं तिब्बत के दलाई (How Is The Dalai Lama Chosen)  लामा. 

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आइये, अब विस्तार से जानते हैं कि कैसे दलाई लाम का चुनाव किया जाता है.

पुरानी मान्यताओं के अनुसार 

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How Is The Dalai Lama Chosen : तिब्बत के दलाई लामा का चुनाव न इलेक्शन से और न ही वंशानुगत प्रक्रिया के तहत होता है, बल्कि इसके लिए तिब्बत की सदियों से चली आ रही पुर्नजन्म प्रक्रिया का पालन किया जाता है. ये एक दिलचस्प विषय है कि आख़िर कैसे पुर्नजन्म प्रक्रिया के तहत अब तक दलाई लामा चुने गए हैं. इस पुरानी मान्यता में होता ये है कि जो वर्तमान में दलाई लामा होते हैं, वो अपनी मृत्यु से पहले अगले दलाई लामा या अपने अवतार से जुड़े कुछ संकेत या लक्षण छोड़ जाते हैं. वहीं, इन संकतों के ज़रिए शुरू होती है उस नवजात या बच्चे की तलाश जिसे अगला दलाई लामा बनाया जाना है. दलाई लामा की मृत्यु के बाद ही ये तलाश शुरू हो जाती है. 

कई बार लग जाते हैं कई साल  

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अगले दलाई लामा की तलाश की प्रक्रिया काफ़ी जटील होती है, क्योंकि इसमें कुछ महीनों के साथ-साथ साल भर का समय भी लग जाता है. वहीं, बताए गए लक्षण एक से ज़्यादा बच्चों में भी पाए जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में कुछ परीक्षाओं के ज़रिए सटीक बच्चे को चुना जाता है. इसमें दलाई लामा की निजी चीज़ों को पहचानना भी शामिल होता है. 

वहीं, जानकारी के अनुसार, दलाई लामा के निधन के बाद उन बच्चों की लिस्ट तैयार की जाती है, जिसके लक्षण पूर्व दलाई लामा से काफ़ी हद तक मेल खाते हों. वहीं, कोशिश ये की जाती है कि उन बच्चों को शामिल किया जाए, तो दलाई लामा की मृत्यु के 9 महीने बाद पैदा हुए हों. वहीं, चुने गए बच्चे को ल्हासा लेकर आया जाता है, जहां उसे Buddhism Sutras व अन्य आध्यात्मिक ज्ञान देकर तैयार किया जाता है. 

कैसे चुने गए थे 14वें दलाई लामा 

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How Is The Dalai Lama Chosen : जब 13वें दलाई लामा का निधन हुआ और 14वें दलाई लामा की तलाश शुरू हुई, तो इस बीच ये पाया गया कि 13वें दलाई लामा के शव की दिशा दक्षिण से पूर्व हो गई थी. वहीं, इस दिशा में अनोखे बादल देखे गए और उस दिशा में मौजूद महल के खंभे पर तारे जैसी फफूंद भी देखी गई. वहीं, दलाई लामा की खोज करने वाले दल के मुख्य ने कई दिनों तक ध्यान व पूजा कर पवित्र झील में कुछ अक्षरों की आकृतियां, सुनहरी छत वाला मठ और मुंगिया रंग की छत वाला घर देखा था. 

वहीं, क़रीब 4 साल की तलाश के बाद खोजी दल ने आम्ददो प्रांत में एक किसान के बेटे की खोज कि जिसने 13वें दलाई लामा (How Is The Dalai Lama Chosen) के कई सहयोगियों, उनकी छड़ी, माला व अन्य कई चीज़ों को असानी से पहचान लिया था. आज यही तिब्बत के 14वें ‘दलाई लामा’ हैं.

निर्वासन की ज़िंदगी  

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बीबीसी के अनुसार, 1912 में तिब्बत के 13वें दलाई लामा ने तिब्ब्त को स्वतंत्र घोषित कर दिया था. वहीं, इसके 40 साल बाद चीन ने तिब्बत पर उस वक़्त आक्रमण किया, जब 14वें दलाई लामा की तलाश की जा रही थी. तिब्बत इस लड़ाई में हार गया था. लेकिन, कई सालों बाद में तिब्तियों ने चीनी शासन के खिलाफ़ विद्रोह किया, लेकिन ये विद्रोह सफल नहीं हुआ. इसके बाद 1959 के दौरान दलाई लामा सहित भारी संख्या में तिब्तियों ने भारत में शरण ली. हालांकि, चीन के साथ तनाव जारी है और तिब्बत निर्वासन की ही ज़िंदगी बसर कर रहा है.