यह दुनिया सच में अजीबो-ग़रीब चीज़ों से भरी पड़ी है. वहीं, समय-समय पर चौंका देने वाले ख़ुलासे होते रहते हैं. लेकिन, कुछ चीज़े इतनी हैरान कर देने वाली होती हैं कि जिन पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है. इसी कड़ी में हम आपको इस लेख के ज़रिए चीन के एक ऐसे ताक़तवर नेता के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी ज़िंदगी की कुछ चीज़े काफ़ी हैरान कर देने वाली हैं. आइये, जानते हैं चीन से सबसे ताक़तवर नेताओं में से एक ‘माओत्से तुंग’ के बारे में.
माओत्से तुंग

माओत्से तुंग का जन्म 26 दिसंबर 1893 को हुनान प्रांत के शाओशान कस्बे में हुआ था. वो एक राजनैतिक विचारक, क्रांतिकारी और साम्यवादी दल के एक ताक़तवर नेता थे. इनके ही नेतृत्व में चीन की क्रांति सफल हुई थी. उन्होंने People’s Republic of China की स्थापना की और अपनी मृत्यु तक इसका नेतृत्व किया.
‘द प्राइवेट लाइफ़ ऑफ चेयरमैन माओ’

माओत्से तुंग की बाहरी दुनिया जितनी प्रभावशाली थी, उससे कहीं ज़्यादा हैरान करने देने वाली थी उनकी निजी ज़िंदगी. उनकी अजीबो-ग़रीब चीज़ों के बारे में दुनिया को तब पता चला, जब उनके निजी जीवन पर एक किताब प्रकाशित हुई, जिसका नाम है ‘द प्राइवेट लाइफ ऑफ़ चेयरमैन माओ’. यह किताब उनके डॉक्टर रह चुके जी शी ली ने लिखी है. इसमें जी शी ली ने माओ की निजी ज़िंदगी से जुड़े कई बड़े ख़ुलासे किये हैं.
नहीं करते थे ब्रश

माओत्से तुंग पर लिखी किताब के अनुसार, उन्होंने अपने जीवन में कभी दांतों पर ब्रश नहीं किया. जानकर हैरानी होगी कि वो ब्रश करने के बजाय चाय से कुल्ला किया करते थे. ऐसा वो एक दिन नहीं बल्कि यह उनका रोज़ का काम था. कहते हैं कि उनके दांतों को देखकर ऐसा लगता था कि मानों किसी ने दांतों को हरे रंग में रंग दिया हो.
नहाने से थी नफ़रत

वहीं, उन्हें नहाने से भी नफ़रत थी. वो लंबे समय तक नहीं नहाते थे. नहाने के नाम पर कभी-कभार ही स्नान किया करते थे.
उठने और सोने का टाइम भी था अलग

किताब के अनुसार, उनका सोने और उठने का समय आम इंसानों जैसा नहीं था. जब पूरी दुनिया रात में सो जाती थी, तब उनका दिन शुरू होता था. वो रात में काम किया करते थे. वहीं, दिन में वो सोया करते थे.
अपने पलंग पर ही सोते थे

उनके जीवन की एक और अजीबो-ग़रीब बात यह है कि वो हमेशा अपने पलंग पर ही सोते थे. उन्हें दूसरे के बिस्तर पर नींद नहीं आती थी. वहीं, जब वो अपनी विदेश यात्रा पर होते थे, तो उनका पलंग भी उनके साथ ही जाया करता था.
एक प्रभावशाली व्यक्ति

भले ही उनकी निजी ज़िंदगी जितनी भी अजीबो-ग़रीब रही हो, पर उनकी हमेशा दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में हुई है. उन्हें Times Magazine ने 20वीं सदी के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया था. वहीं, चीनी लोगों में भी उनके प्रति काफ़ी सम्मान है.
एक ग़लती की वजह से मारे गए थे करोड़ों लोग

कहते हैं कि उनसे एक बड़ी ग़लती हो गई थी. जानकारी के अनुसार, उन्होंने 1958 में ‘फ़ोर पेस्ट कैंपेन’ नाम से एक अभियान चलाया था, जिसके तहत उन्होंने मक्खी, मच्छर, चूहा और गौरैया को मारने का आदेश दिया था. हालांकि, उनका यह अभियान उलटा पड़ गया और चीन में भयानक अकाल पड़ा. कहते हैं कि अकाल की वजह से लगभग 1.50 करोड़ लोगों की मौत हुई थी.